एम्स ऋषिकेश के आई बैंक की स्थापना के चार वर्ष आठ माह पूरे हो गए। इस दौरान कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इस समय अंतराल की कामयाबी को साझा की।
ऋषिकेश/राव राशिद,(Shah Times)। एम्स ऋषिकेश के आई बैंक में करीब पांच साल में 500 अंधेरी जिंदगी को रोशन किया।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने आई बैंक की स्थापना से लेकर अब तक मिली कामयाबी पर हर्ष जाहिर किया। उन्होंने लोगों से नेत्रदान की अपील भी की।
शुक्रवार को एम्स ऋषिकेश के आई बैंक की स्थापना के चार वर्ष आठ माह पूरे हो गए। इस दौरान कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इस समय अंतराल की कामयाबी को साझा की। बताया कि 500 नेत्र ज्योति विहीन लोगों को कॉर्निया प्रत्यारोपित कर उनके जीवन को रोशन करने में विशेषज्ञों ने सफलता हासिल की है। बोलीं, संस्थान का नेत्र रोग विभाग और आई बैंक देश से अंधता के अभिशाप को जड़मूल करने के लिए संकल्पबद्ध होकर जनजागरुकता मुहिम में जुटा हुआ है। उन्होंने नेत्रदान जैसे महादान में सहयोग और सहभाग करने वाले लोगों व दिवंगतजनों के लिए परिजनों की सराहना भी की।
एम्स अस्पताल के एमएस एवं नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि आई बैंक की स्थापना के बाद से अब तक 500 कॉर्निया ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। यह उपलब्धि चिकित्सा प्रौद्योगिकी की प्रगति और दान दाताओं की उदारता का प्रमाण है। बताया कि अब तक आई बैंक (एम्स) को 838 कॉर्निया प्राप्त हुए हैं ।
नेत्र कोष की मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर नीति गुप्ता ने बताया कि अब तक प्राप्त कॉर्निया में ऋषिकेश शहर से 61 फीसदी, हरिद्वार शहर से 22, देहरादून से तीन, रुड़की से एक प्रतिशत कॉर्निया प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार भारत के अन्य शहरों से पांच फीसदी लोगों ने आई बैंक में नेत्रदान किए हैं ।