उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए साल के पहले दिन उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की।
लखनऊ,( Shah Times) । उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में हर वर्ष हो रही 23-25 हजार मौतें देश व राज्य की क्षति है. यह दुर्घटनाएं जागरूकता के अभाव में होती हैं. सड़क सुरक्षा माह सिर्फ लखनऊ तक सीमित न रहे, बल्कि इसे प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सुचारू रूप से संपन्न कराया जाए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी हर माह जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा की बैठक हो, जिसमें पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थित रहें. जनपद स्तर पर हुए कार्यों की प्रोग्रेस को लेकर हर तीसरे महीने शासन स्तर पर मूल्यांकन किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन जनपदों व स्थलों को चिह्नित करें, जहां अधिक दुर्घटनाएं संभावित हैं. इसके लिए कारणों का पता करते हुए इसके समाधान की कार्ययोजना बनाई जाए.
प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा ने कहा कि नाबालिग ई-रिक्शा व अन्य वाहनों का संचालन न कर पाएं, इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई सुचारू रूप से की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर अनिवार्य रूप से साइनेज लगाए जाएं, जिससे लोगों को आवागमन में भी सहूलियत हो सके. उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग कतई बर्दाश्त नहीं है. इसे स्टॉर्टिंग पॉइंट पर ही रोका जाए. एक्सप्रेस व हाइवे पर लोडेड वाहन भी खड़े रहते हैं, जो दुर्घटना का कारण बनते हैं. इन वाहनों को क्रेन के माध्यम से हटवाया जाए. हेलमेट, सीट बेल्ट तथा सड़क सुरक्षा के अन्य मानकों को अपनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाकर प्रेरित किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी वाहन का बार-बार चालान होने पर लाइसेंस/परमिट निरस्तीकरण आदि की कार्रवाई की जानी चाहिए. इस कार्रवाई को अनिवार्य रूप से फॉस्टैग से जोड़ा जाए. सूचना, परिवहन व सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों की तरफ से अपील करने वाली होर्डिंग लगाई जाए. इसे सभी 75 जनपदों, 350 तहसीलों, 1500 थानों व सभी नगर निकायों के बाहर भी लगाया जाए. राहगीरों/आमजन को जागरूक किया जाए कि दुर्घटना को देखकर भागें नहीं, बल्कि घायलों को गोल्डेन ऑवर के अंदर समीप के हॉस्पिटल या ट्रॉमा सेंटर में पहुंचाएं. एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों-कॉलेजों में रोड सेफ्टी क्लब की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में रोड सेफ्टी पार्क बनाए जाएं. रोड सेफ्टी अवेयरनेस कार्यक्रमों से स्कूली बच्चों को जोड़ते हुए यातायात नियम से जुड़े विषयों पर नाटक, संगीत, कविता, निबंध, संगोष्ठी, भाषण, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं कराई जाएं. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परिवहन निगम के बसों के ड्राइवरों की नियमित स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए. बसों की फिटनेस का भी ध्यान रखा जाए.
सीएम ने कहा कि हर निकायों में वेंडिंग जोन बनाकर रेहड़ी-पटरी वालों को स्थापित किया जाए. सड़कों पर कहीं भी अवैध स्टैंड न लगे, उनके लिए स्पेस बनाया जाए. ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए बाइकों में से मोडिफाई साइलेंसर व हॉर्न को प्रतिबंधित किया जाए. अवैध रूप से बसों का संचालन दुर्घटना का कारण बनता है. गैर अनुबंधित बसों का पंजीकरण कर उन्हें निर्धारित रूट प्रदान किया जाए. इससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी, साथ ही आमजन को भी सुविधा मिलेगी।
Yogi government became strict on e-rickshaws, school buses, challans and street vendors