भाजपा नेताओं ने धरना देने को कहा, परमिशन भी दिलाई, मेडल बहाते, तो हिंसा होती
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण और रेसलर्स विवाद में अब पहलवान साक्षी मलिक (sakshi malik) ने एक नया खुलासा किया है। साक्षी मलिक ने कहा कि हमें धरना देने के लिए भाजपा नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने कहा था। इन दोनों नेताओं ने उन्हें कहा था कि बृजभूषण के खिलाफ अपनी आवाज उठाओ। यही नहीं, जंतर-मंतर पर धरने की परमिशन भी बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने ही दिलाई थी। साक्षी ने परमिशन लेटर भी दिखाया। साक्षी और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने शनिवार को सोशल मीडिया पर द ट्रुथ टाइटल से अपना एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें ये दावे किए। उन्होंने खुद ही सवाल बताए और फिर उनके जवाब दिए। साक्षी का यह दावा इसलिए अहम है, क्योंकि बृजभूषण समेत भाजपा ये कहती रही कि धरने के पीछे हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा हैं। वहीं बबीता फोगाट खुद भी रेसलर्स के धरने में राजनीति होने की बात कहती रही।
वहीं तीर्थ राणा भी हरियाणा के सोनीपत से ही भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं। साक्षी ने ये भी कहा कि हरिद्वार में इस तरह का माहौल बना दिया गया कि अगर हम मेडल बहाने जाते, तो हिंसा होने का खतरा था। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर एकता की कमी थी। हम कभी एक साथ हो ही नहीं पाए। दूसरा कारण है नाबालिग लड़की, जिसने अपना बयान बदल दिया। हम तो एकजुट हैं, इसके बाद भी उन्होंने डर की वजह से बयान बदल दिए। 28 मई को होने वाली संसद पर महिला महापंचायत की काॅल हमारी नहीं, महम में हुई पंचायत में बुजुर्गों व खाप प्रतिनिधियों ने दी थी। फैसले के बाद हमें पता लगा कि इसी दिन नई संसद भवन का उद्घाटन भी है। बुजुर्गों का मान-सम्मान रखते हुए संसद भवन कूच किया था। जब हम हरिद्वार में मेडल बहाने गए थे, वहां तंत्र से जुड़ा एक व्यक्ति बजरंग के पास आया और उसे साइड में ले गया। वहां बजरंग से कहा कि तुम्हारे मुद्दे पर ऊपर बात चल रही है। मेडल विसर्जित मत करो। 7 बजे तक बजरंग को रोके रखा। इसके बाद वहां भीड़ जुट गई और ऐसा माहौल बना कि मेडल बहाने जाते, तो वहां हिंसा हो सकती थी। इसलिए हमने फैसला बदला हमें यह सुनने में आ रहा है कि कई खापें हमसे नाराज हैं। मेरी सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि हमसे जो गलती हुई है, उसे माफ कर दो।
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संयुक्त किसान मोर्चा, भाई चंद्रशेखर रावण, सत्यपाल मलिक, महिला संगठनों, छात्र संगठनों का दिल से धन्यवाद। तीरथ राणा और बबिता फोगाट का भी धन्यवाद, जिन्होंने पहलवानों को आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया और सरकार से बात कराई।