दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा छीने गए दिल्ली वासियों के लोकतांत्रिक अधिकार को वापस दिलाने का आश्वासन दिया।
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर दिल्ली की जनता के अधिकार छीनने का आरोप लगाते हुए उनके लोकतांत्रिक अधिकार को वापस दिलाने का आश्वासन दिया।
केजरीवाल ने मंगलवार को यहाँ छत्रसाल स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर केंद्र सरकार द्वारा छीने गए दिल्लीवासियों के लोकतांत्रिक अधिकार को वापस दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पहले अध्यादेश लाकर और फिर क़ानून बना कर दिल्ली की जनता के अधिकार छीन लिए गए। इस लड़ाई को उच्चतम न्यायालय में लड़ेंगे और अधिकार वापस दिलाकर रहेंगे। दिल्ली के लोग चिंता न करें, आपकी फ्री बिजली-पानी, मुफ़्त और अच्छी शिक्षा-स्वास्थ्य और महिलाओं का मुफ्त बस सफ़र जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि केवल भाषण देने से भारत विश्वगुरू नहीं बनेगा। भारत को विश्वगुरु बनाना है तो देश के हर तबके के लिए मुफ्त शिक्षा- स्वास्थ्य, बिजली-पानी का इंतजाम करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले दिल्ली में भीषण बाढ़ आई थी। दिल्ली के इतिहास में पहली बार यमुना का जलस्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया था। सभी दिल्लीवासियों ने दिल्ली सरकार के साथ मिलकर केंद्र सरकार की मदद इस आपदा का सामना किया और हम सभी सफल हुए। कुछ लोगों के घरों में क्षति हुई, उनका सामान नष्ट हो गया। सरकार की ओर से हम लोगों ने हर संभव मदद करने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्वाधीनता दिवस का पर्व है, खुशी का मौका है लेकिन मन के एक कोने में एक छोटी व्यथा है और मन बहुत व्यथित है। देश के कुछ हिस्सों के अंदर आज एक भाई दूसरे भाई से लड़ रहा है। मणिपुर जल रहा है। मणिपुर में एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के लोगों से लड़ रहे हैं और एक-दूसरे को मार रहे हैं, घर-दुकानें जला रहे हैं, महिलाओं के साथ गलत काम कर रहे हैं। दोनों समुदाय के लोग व्यथित हैं। अभी तक जो लोग शांति से एक साथ रहा करते थे, वो आपस में लड़ रहे हैं। इधर, हरियाणा में भी दो समुदाय एक-दूसरे लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में फायदा किसी समुदाय का नहीं हो रहा है। हम 21वीं सदी में रह रहे हैं। यह साइंस और टेक्नोलॉजी का युग है। दुनिया कहां से कहां पहुंच गई और हम आपस में लड़ते रह गए। अगर हम आपस में लड़ते रह गए तो भारत विश्वगुरु कैसे बनेगा?
उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में कई-कई घंटे बिजली नहीं आती है। दुनिया का कोई भी ऐसा विकसित देश नहीं है, जहां लोगों को 24 घंटे बिजली नहीं मिलती है। जब तक देश में सात-आठ घंटे के पावर कट लगेंगे, हमारा देश विश्वगुरु कभी नहीं बन सकता। बडे-बडे भाषण भले ही दे दिए जाएं। चौबीस घंटे बिजली नहीं होगी तो उद्योग कैसे तरक्की करेंगे, किसान कैसे बुआई करेगा। अगर हमें विश्वगुरु बनना है तो देश भर में 24 घंटे बिजली का इंतजाम करना पड़ेगा।
केजरीवाल ने कहा,“2015 में जब ‘आप’ की सरकार बनी, तब दिल्ली में भी सात-आठ घंटे के पावर कट लगा करते थे। दिल्ली में भी बिजली वितरण का प्रबंधन खराब था, लेकिन हमने ठीक कर दिया। आज पूरे देश में दिल्ली अकेला शहर है, जहां 24 घंटे बिजली आती है। अब दिल्ली में पावर कट नहीं लगते हैं, लोगों ने जेनरेटर और इंवर्टर खरीदने बंद कर दिए। पहले पंजाब में भी लंबे- लंबे पावर कट लगते थे। पंजाब में हमारी सरकार बने एक साल ही हुए हैं और अब वहां 24 घंटे बिजली आने लगी है।”
उन्होंने कहा कि जब तक हमारे देश में पैदा होने वाले हर बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक हमारा देश विश्वगुरु नहीं बन सकता है। जापान, फ्रांस, टोक्यो, अमेरिका, इटली समेत अन्य अमीर देशों में हर तबके के बच्चों को सरकारें अच्छी से अच्छी शिक्षा देंती हैं। भारत में 25 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं। इनमें से 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। अगर दिल्ली को छोड़ दें तो देश के अंदर अधिकतर सरकारी स्कूल कबाड़खाने बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर देश में कोई बीमार हो जाए तो दिल्ली को छोड़कर अन्य राज्यों के सरकारी अस्पतालों का इतना बुरा हाल है। अस्पताल में डॉक्टर और नर्स ही नहीं आते हैं। हर आदमी यही चाहता है कि प्राइवेट अस्पताल में जाकर इलाज कराऊं। जब तक देश में पैदा होने वाले हर इंसान को अच्छे से अच्छे इलाज नहीं मिलेगा, तब तक देश विश्व गुरु नहीं बन सकता है।
केजरीवाल ने कहा कि देश के व्यापारी ईमानदारी से काम करना चाहता है लेकिन जीएसटी को लेकर दुखी है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि जीएसटी के अंदर मूल परिवर्तन करना बेहद ही जरूरी है, क्योंकि व्यापारी इसे हैंडल नहीं कर पा रहे हैं। चाणक्य ने एक बार कहा था कि जब कोई राजा टैक्स लेता है तो उसे ऐसे टैक्स लेना चाहिए जैसे मधुमक्खी फूल से शहद निकालती है और फूल को पता भी नहीं चलता है कि उससे शहद निकाला गया है।