नीलम सैणी
मुजफ्फरनगर (Shah Times): धीरे-धीरे ठंड बढ़ती जा रही है और इसी के साथ हमारी नींद भी बढ़ने लगी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि सर्दियों में हमें ज्यादा नींद आती है, लेकिन क्या कोई इसकी वजह जानता है। कुछ लोग ठंड के मौसम में ज्यादा नींद आने का कारण अपना आलस मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। सर्दियों में ज्यादा नींद आने के पीछे एक कारण नहीं बल्कि कई कारण है। तो चलिए आज हम बात करते हैं आखिर सर्दियों में ज्यादा नींद क्यों आती है?
सूरज न निकालना
सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और सूरज की रोशनी कम मिलती है। हमारे शरीर में मेलाटोनिन नाम का एक हार्मोन होता है, जो नींद को कंट्रोल करता है। जब सूरज की रोशनी कम होती है तो मेलाटोनिन का लेवल बढ़ जाता है, जिसके कारण नींद ज्यादा आती है।
अंधेरा और नींद
ठंड के मौसम में सुबह के समय भी देर तक अंधेरा रहता है और शाम को भी जल्दी ही अंधेरा हो जाता है। अंधेरा होने पर शरीर को यह संकेत मिलता है कि सोने का समय हो गया है। सर्दियों में जल्दी अंधेरा हो जाने के कारण नींद ज्यादा आती है।
शरीर की एनर्जी सेविंग मैकेनिज्म
ठंड से बचाव करें
सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। शरीर एनर्जी को बचाने के लिए नींद आने का सिग्नल देने लगता है।
फिजिकल एक्टिवि कम होना
सर्दियों में लोग कम बाहर निकलते हैं और फिजिकल एक्टिविटीज भी कम करते हैं। इससे शरीर कम थकता है और नींद ज्यादा आती है।
विटामिन-डी की कमी
सूरज की रोशनी से विटामिन-डी बनता है। विटामिन-डी एनर्जी के लेवल को बनाए रखने में मदद करता है। सर्दियों में सूरज की रोशनी कम मिलने के कारण विटामिन-डी की कमी हो सकती है, जिससे थकान और नींद आती है।
और भी है कई कारण?
हैवी फूड्स
सर्दियों में लोग गर्म और हैवी खाना ज्यादा खाते हैं। इससे शरीर को खाना पचाने में ज्यादा समय लगता है और नींद आ सकती है।
तनाव बढ़ना
सर्दियों में तनाव बढ़ सकता है, जिसके कारण भी ज्यादा नींद आ सकती है।
बीमारियां
ठंड के मौसम सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां भी नींद ज्यादा आने का कारण बन सकती हैं। क्योंकि सर्दी खांसी की दवाइयां में नींद का असर होता है जिसको खाने के बाद हमें नींद आ जाती है।
सर्दियों में ज्यादा नींद आने की समस्या से कैसे बचें?
उगती हुई धूप लें
सुबह उठकर सूरज की रोशनी में कुछ समय बिताएं।
फिजिकल एक्टिविटी करें
नियमित रूप से व्यायाम करें।
और हल्का और पौष्टिक खाना खाएं।
तनाव कम करें
योग, मेडिटेशन या अन्य रिलैक्सिंग तकनीकों की प्रैक्टिस करें।
स्लीप साइकिल फिक्स करें
रोजाना एक ही समय पर सोने और उठने की कोशिश करें।