आम बजट में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को बगैर इंडेक्शेशन के 20 प्रतिशत से कम कर 12.5 प्रतिशत किये जाने से सभी मामले में रियल एस्टेट लाभ में ही रहेगा।
नई दिल्ली,(Shah Times)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आम बजट में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को बगैर इंडेक्शेशन के 20 प्रतिशत से कम कर 12.5 प्रतिशत किये जाने से सभी मामले में रियल एस्टेट लाभ में ही रहेगा।
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक चर्चा में कहा कि इंडेक्शेशन के साथ 20 प्रतिशत कर देना पड़ता था, लेकिन अब इसके बगैर 12.5 प्रतिशत कर लगेगा।
आम तौर पर रियल एस्टेट पर वार्षिक रिटर्न 12 से 16 प्रतिशत होता है जो महंगाई से अधिक है। महंगाई का इंडेक्शेशन चार से पांच प्रतिशत होता है जो संपत्ति को रखने की अवधि पर निर्भर करता है। इसलिए इस तरह के अधिकांश मामलों में करदाताओं को कर की बचत ही होगी।
उन्होंने उदाहरण देते हुये कहा कि नयी कर दर से अधिकांश मामलों में लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि संपत्ति को पांच वर्ष रखा जाता है और संपत्ति पर रिटर्न में 1.7 गुना की बढोतरी होगी तो इस मामले में नयी व्यवस्था लाभकारी है। यदि संपत्ति को 10 वर्ष रखा जाता है और रिटर्न 2.4 गुना होता है तब भी इससे करदाता को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि जब संपत्ति पर 9 से 11 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न मिलेगा तब नयी कर में करदाता को नुकसान होगा हालांकि रियल एस्टेट में ऐसा होना अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि किसी भी कर सरलीकरण का लाभ करदाताओं को ही होता है क्याेंकि इससे अनुपालन का भार कम होता है और रिकार्ड रखने की जरूरत समाप्त हो जाती है।
सीतारमण ने कहा कि नयी व्यक्तिगत कर प्रणाली भी सभी के लिए लाभकारी है। इसमें कम कर देने के बाद जो बचत होगी उसका उपयोग करदाता अपने जरूरत के अनुसार कर सकेगा। उसको कर बचाने के लिए किसी तरह के उपाय करने की जरूरत नहीं होगी।