प्रदेश में मजबूत तो मेरठ में कमजोर हो रही साइकिल ? कौनसा है सपाई जिसने अखिलेश को मेरठ में दिलाई हार
~शाहवेज खान
मेरठ, (Shah Times) । बीते दिनों देश मे हुए लोकसभा चुनाव के नतीज़ों ने सबको चौका दिया है, जहां भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आने के बाद भी बैसाखी की सरकार बना पाई वही कांग्रेस के बाद देश की सबसे बड़ी तीसरी पार्टी का नेतृत्व कर रहे अखिलेश यादव की सपा ने भी सबको चौंकाते हुए अपनी ताकत का एहसास कराया है ऐसे में समाजवादी पार्टी प्रदेश के अंदर मजबूत स्थिति में पहुंच रही है तो मेरठ की क्रांति धरा के अंदर सपा की रफ्तार लगातार धीमी होती जा रही है और इस धीमी गति के पीछे पार्टी में छुपी विभीषण है जो अपने वर्चस्व के लिए समाजवादी पार्टी को दीमक की तरह चाट रहे है।
मेरठ के अंदर समाजवादी पार्टी कितने गुटों में बटी हुई है यह तो जग जाहिर है लेकिन अपने वजूद को बड़ा बनाने के लिए कोई पार्टी को ही खत्म करने लगे यह न तो सपाइयों के लिए अच्छा है और न ही अखिलेश यादव के लिए अगर अखिलेश यादव के सिपाही अखिलेश को अपना नेता मानते तो लोकसभा चुनाव में खुद समाजवादी पार्टी को हराने के लिए मेहनत ना करते।
फिलहाल समाजवादी पार्टी भले ही तीसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी हो लेकिन मेरठ के अंदर इस पार्टी का वजूद अभी तक उभर नहीं पाया है योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा ने लोकसभा चुनाव लड़ा है और उनके लड़ने से समाजवादी पार्टी को यहां इतना फायदा हुआ है कि यहां पर समाजवादी पार्टी तीसरे स्थान से दूसरे स्थान पर आई है।
मेरठ में समाजवादी पार्टी चुनाव के दौरान भाजपा को पटखनी देने की स्तिथि में थी लेकिन सपा की जीत मेरठ में कई सपाइयों के राजनैतिक जीवन को कमजोर न कर दे यह बात खुद सपा नेताओं को खाए जा रही थी जिसके बाद खुद सपाइयों ने अखिलेश की राह में कांटे बो कर खुद को बचाने के काम किया और समाजवादी पार्टी को मेरठ में हार की दहलीज तक पहुंचाने के लिए किन-किन सपाइयों का हाथ रहा है यह मेरठ की जनता बखूबी जानती है जिसके बाद मेरठ के मतदाता खासतौर से वह जो हमेशा अखिलेश को मजबूत देखना चाहते है वह सपा में छुपे विभीषण को बेनकाब करने की बात कर रहे है।
हार के बाद फूटा था योगेश वर्मा का गुस्सा
लोकसभा चुनाव में नजदीकी हार के बाद सपा प्रत्याशी पति योगेश वर्मा ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए सपा की हार के पीछे की कहानी बताई, उन्होंने उस सपा नेता को भी खरी खोटी सुनाई जिन्होंने अखिलेश यादव को हरवाने में भाजपा का साथ दिया ,योगेश वर्मा ने साफ कहा कि अगर सपाई थोड़ा भी साथ आ जाते तो यह मामूली अंतर जीत के बड़े अंतर में बदल सकता था , जो लोग खुद को अखिलेश का नजदीकी कहते है वही उनके कितने बड़े छिपे हुए दुश्मन निकले यह सब ने देखा।