- इसकी लिस्टिंग में अब कंस्यूमर वॉयस भी
- प्रमोद पंत/सुबास तिवारी
एक जागरूक उपभोक्ता होने के नाते आप स्टॉक एक्सचेंज यानी शेयर बाजार के बारे में जानते ही होगें, लेकिन क्या आपने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में सुना है। इस लेख के माध्यम से हम आपको सोशल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में बता रहे हैं, साथ ही कंस्यूमर वॉयस भी अब सोशल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग हो गया है। उसकी भी पूरी जानकारी जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
एनएसई सोशल स्टॉक एक्सचेंज सेग्मेंट क्या है
सामाजिक कार्यों पर लगी स्वयंसेवी संस्थाओं (एनजीओ) और लाभकारी उद्यमों (एफपीई) को स्वयं पंजीकृत करने और एक मान्यता प्राप्त एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर पैसा जुटाने के अनूठे अवसर प्रदान करने के मकसद से एनएसई (NSE) पर सोशल स्टॉक एक्सचेंज की शुरूआत की गई है।
सोशल स्टॉक एक्सचेंज के क्या हैं फायदे
बाजार तक आसान पहुंच- यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसके जरिये आपसी मेल-मिलाप की सुविधा होगी तथा वित्त की सत्यनिष्ठा और जवाबदेही प्रदान करने के लिए अंतनिर्मित विनियमन होंगे।
सामाजिक लक्ष्य में निवेशकों और निवेशियों के बीच तालमेल- सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर निवेश में लचीलेपन और उपलब्ध पूंजी को देखते हुए विकल्प का क्षेत्र बहुत व्यापक होगा जिससे समान लक्ष्य और दृष्टिकोण वाले निवेशकों और निवेशियों को आपस में जुड़ने की अनुमति मिलेगी।
लिस्टिंग और प्रवेश लागत शून्य- पंजीकरण और लिस्टिंग की कोई लागत नहीं है।
स्त्रोत: https://static.nseindia.com//s3fs-public/inline-files/NSE%20SSE%20Brochure%20-%20Hindi.pdf
आम निवेशकों को इससे कैसे होगा फायदा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2019-20 के बजट भाषण में इस तरह के स्टॉक एक्सचेंज को बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसका मकसद सोशल एंटरप्राइजेस, एनजीओ और स्वैच्छिक संगठनों को एक ऐसा प्लेटाफॉर्म देना था, जहां से वो आसानी से पैसा जुटा सकें। मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज से देश के सभी नागिरकों को लाभ होगा। इसके जरिए सामाजिक कार्यों में काम करने वाली संस्थाओं को लिस्टेड करने और फंड जुटाने में मदद की जाएगी। इसका मतलब यह हुआ कि अब एनजीओ के शेयरों को आम आदमी/निवेशकों में खरीद-बिक्री कर सकेगा। यह भी एक तरह से शेयर बाजार की तरह काम करेगा।
इन देशों में है सोशल स्टॉक एक्सचेज
दुनिया में इस समय यूरोप और उत्तर-दक्षिण अमेरिकी देशों में सोशल स्टॉक एक्सचेंज चल रहे हैं। सोशल स्टॉक एक्सचेंज एनजीओ को शेयर, डेट और म्यूचुअल फंड के जरिए फंड जुटाने की मंजूरी देगा। इस तरह के स्टॉक एक्सचेंज यूके, कनाडा, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, जमैका और केन्या में पहले से ही हैं।
कौन-से सोशल एंअरप्राइजेस हो सकते हैं रजिस्टर
अगर आप भी अपना कोई एनजीओ चला रहे हैं तो आप भी एसएसई पर अपनी संस्था को लिस्टिंग करा सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर आप एक निवेशक हैं तो आप इन एनजीओ में निवेश कर सकते हैं।
- कोई चैरिटेबल ट्रस्ट, जो अपने संबंधित राज्य के पब्लिक ट्रस्ट कानून के तहत रजिस्टर हो.
- कोई चैरिटेबल सोसायटी, जिसका पंजीकरण सोसायटी रजिस्ट्रेशन कानून-1860 के तहत हुआ हो.
- कोई कंपनी जो कंपनी कानून-2013 की धारा-8 के तहत पंजीकृत हो.
- ऐसी कोई इकाई जिसके लिए सेबी की ओर से कोई नियम जारी किया गया हो.
- भारत में सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर सिर्फ भारतीय सोशल एंटरप्राइजेस ही रजिस्टर हो सकते हैं.
कंस्यूमर वॉयस की कहानी…
कंस्यूमर वॉयस लगातार 40 वर्षों से उपभोक्ता शिक्षा और जागरूकता के क्षेत्र में संघर्षरत एक स्वयंसेवी संस्था है। वॉयस लगातार भारत में उपभोक्ताओं के लिए उनके उपभोक्ता अधिकारों के संघर्ष कर रही है। दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों वॉयस अपने हितधारकों के साथ मिलकर उपभोक्ता संबंधी विषयों में जागरूकता का काम रही है।
कंस्यूमर वॉयस के सीईओ श्री आसीम सान्याल जी बताते हैं कि कंस्यूमर वॉयस भारत की एकमात्र पुरानी संस्था है जो दिल्ली समेत अन्य राज्यों में अपने हितधारकों के साथ मिलकर उपभोक्ता शिक्षा और जागरूकता के लिए आवाज उठा रही है। हम सरकार, अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं, कॉरपोरेट जगत और उपभोक्ताओं के साथ मिलकर काम रहे हैं। अब हम सोशल स्टॉक में भी लिस्टिंग हो गये हैं।
कंस्यूमर वॉयस सोशल स्टॉक में लिस्टिंग