
Tahawwur Rana
नई दिल्ली (Shah Times): Tahawwur Rana राणा इस समय एनआईए की हिरासत में है। राणा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। फिलहाल अभी शुरूआत है तो इसके बारे में पुख्ता तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। जानकारी के अनुसार तहव्वुर का पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी क्नेकश्न मिल रहा है। ऐसे में कई सवाल हैं जिसके जबाव जांच एजेंसी को तलाशने पड़ेंगे।
इन जिलों का किया था दौरा
तहव्वुर राणा मुंबई हमले से पहले भारत में आया था। ऐसे में सवाल है कि क्या राणा भारत में स्लीपर सेल तैयार करने आया था? राणा के पश्चिमी यूपी और दिल्ली आने के पीछे का कारण क्या हो सकता है ये इस समय का बड़ा सवाल है। मुंबई हमले से पहले डेविड कोलमैन हेडली, पाकिस्तानी सेना का अधिकारी मेजर इकबाल, साजिद और तहव्वुर राणा ने डेनमार्क में हमला करने के लिए ‘मिकी माउस प्रोजेक्ट’ नाम के ऑपरेशन चलाया था।
क्या था ‘मिकी माउस प्रोजेक्ट’?
अपने कार्टूननुमा कोडनाम के पीछे, द मिकी माउस प्रोजेक्ट डेनिश अख़बार जाइलैंड्स-पोस्टेन को निशाना बनाकर रची गई एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश थी। 2005 में पैगंबर मुहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने के बाद अख़बार ने कट्टरपंथी इस्लामी समूहों का गुस्सा भड़का दिया था। उस समय, इन तस्वीरों ने वैश्विक विरोध प्रदर्शन और मुस्लिम दुनिया में व्यापक निंदा को जन्म दिया था।
राणा ने सह-षड्यंत्रकारी डेविड हेडली के साथ मिलकर बदला लेने के लिए हमले की साजिश रची। हेडली की गवाही के अनुसार, योजना विस्फोटकों और आग्नेयास्त्रों का उपयोग करके कोपेनहेगन में अखबार के कार्यालय पर हमला करने की थी।
निशाने पर थे सांस्कृतिक संपादक फ्लेमिंग रोज़ और कार्टूनिस्ट कर्ट वेस्टरगार्ड, जिनके काम से आक्रोश भड़क उठा था। बाद में एफबीआई ने हमले की भयावह प्रकृति की पुष्टि करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य आतंक का संदेश देने के लिए कर्मचारियों के सिर कलम करना और उनके सिर कोपेनहेगन की सड़कों पर फेंकना था।
साजिश क्यों विफल हुई?
पाकिस्तानी सेना में पूर्व कैडेट और प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवर राणा बाद में कनाडा चले गए। शिकागो में बसने से पहले उन्होंने वहां की नागरिकता हासिल की।
हेडली और राणा ने अपने इरादों की गंभीरता को छिपाने के लिए कोडनेम ‘मिकी माउस प्रोजेक्ट’ का इस्तेमाल किया। हालांकि, साजिश कभी अंजाम तक नहीं पहुंची। अक्टूबर 2009 में हेडली को गिरफ्तार कर लिया गया, जिससे हमला होने से रोका जा सका। बाद में उसने अमेरिकी अभियोजकों के साथ एक समझौता किया, जिसमें उसने न केवल डेनिश साजिश में बल्कि 2008 के मुंबई हमलों के लिए स्थानों की खोज में भी अपनी भूमिका स्वीकार की।
अजीब नाम, लेकिन घातक योजना
कार्टूनी कोडनेम के बावजूद, द मिकी माउस प्रोजेक्ट कोई मज़ाक नहीं था। यह वास्तव में डेनमार्क के एक अख़बार जाइलैंड्स-पोस्टेन को निशाना बनाकर किया गया एक सुनियोजित आतंकी हमला था। इस अख़बार ने 2005 में पैगम्बर मुहम्मद के कार्टून प्रकाशित किए थे, जिसके कारण मुस्लिम दुनिया भर में भारी विरोध और गुस्सा भड़क उठा था।
राणा और उसके साथी डेविड हेडली ने बदला लेने की योजना बनाई। हेडली ने बाद में जांचकर्ताओं को जो बताया, उसके अनुसार वे कोपेनहेगन में अख़बार के दफ़्तर पर बंदूकों और बमों के साथ हमला करना चाहते थे। उनके मुख्य लक्ष्य? अख़बार के सांस्कृतिक संपादक फ्लेमिंग रोज़ और कार्टूनिस्ट कर्ट वेस्टरगार्ड थे।
लेकिन योजना यहीं नहीं रुकी। बाद में एफबीआई ने खुलासा किया कि हमलावर सिर्फ़ हत्या की योजना नहीं बना रहे थे – वे कर्मचारियों के सिर काटकर उन्हें सड़क पर फेंकने की योजना बना रहे थे। इसका उद्देश्य एक भयावह संदेश भेजना और डर फैलाना था।