द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यहूदियों पर सबसे बड़े हमले की बरसी पर हमास ने क्या बोला ? 

इजराइल के लिए 7 अक्टूबर को हमास के हमले से हुआ खून-खराबा इतिहास का एक ऐसा अध्याय है जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। इस हमले के घाव आज भी रिस रहे हैं, और करीब 100 लोग एक साल से गाजा में बंधक बने हुए हैं।

नई दिल्ली, ( Shah Times,) । 7 अक्टूबर 2023 को वर्ल्ड वार सेकंड  के बाद यहूदी कम्यूनिटी पर सबसे बड़ा हमला हुआ था जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और सैकड़ों ज़ख्मी हुए थे। इस हमले का जख्म आज भी रिस रहा है, गाजा में करीब 100 लोग एक साल से होस्टेज हैं।

 इजराइल-हमास जंग शुरू हुए एक साल हो गया है। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया था। इस हमले में 1200 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद इजराइल ने जंग का ऐलान कर दी और यह जंग अभी भी जारी है।

 इस दौरान गाजा लगभग खंडहर में तब्दील हो चुका है। 40 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं और लाखों लोग मारे गए हैं। हमास ने आज ही के दिन यानी 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर सबसे भीषण हमला किया था। हमास  ने 1200 इजराइली बाशिंदों को मार डाला था। 250 से ज्यादा लोगों को होस्टेज बनाया गया था।  इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। हमास के बाद अब इजरायल हिजबुल्लाह के साथ जंग लड़ रहा है। 

इस दरमियान 7 अक्टूबर की बरसी की पूर्व  शाम पर इजरायल ने लेबनान पर रॉकेट बरसाए। वहीं ईरान ने इजरायल को साफ चेतावनी दी है। ईरान ने कहा है कि इजरायल आग से खेल रहा है। जवाबी कार्रवाई में हिजबुल्लाह ने इजरायल के तीसरे सबसे बड़े शहर हाइफा पर हमला किया- जिसमें 10 लोग घायल हो गए। हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा कि उसने हाइफा के दक्षिण में एक सैन्य अड्डे को “फादी 1” मिसाइलों से निशाना बनाया। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली पुलिस के अनुसार, कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं और इमारतों और  को नुकसान पहुंचा है।

 हमास  गाजा प्रमुख खलील अल-हय्या ने कहा है कि गाजा पर बमबारी शुरू होने के एक साल बाद और हमास के लचीलेपन के बावजूद इजरायल अभी भी संघर्ष विराम समझौते को रोक रहा है। 

अल हय्या ने हमास के अक्सा टेलीविजन पर दिखाए गए भाषण में कहा, “हम पूरे यकीन के साथ कह सकते हैं कि फिलिस्तीन मुद्दा दुनिया में एक बड़ा मुद्दा बन गया है और सभी पक्षों को अब यह एहसास हो गया है कि जब तक हमारे लोगों को पूरे अधिकार नहीं मिल जाते, तब तक इस क्षेत्र में कोई सुरक्षा और स्थिरता स्थापित नहीं हो सकती।

” मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, संघर्ष विराम समझौते पर हमास द्वारा दिखाए गए लचीलेपन के बावजूद, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार ने वार्ता को अवरुद्ध और कमजोर करना जारी रखा है।

अल हय्या ने पुष्टि की कि इजरायल पर 07 अक्टूबर के हमले के पीछे हमास का हाथ था, उन्होंने कहा कि इसने फिलिस्तीनी मुद्दे को दुनिया के एजेंडे में सबसे ऊपर ला दिया है।

 

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