जिंदगी में इंटरनेट, मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप सभी बेहद जरूरी हो गए हैं। यही वजह है कि कल यानी 19 जुलाई को जब माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी आई तो पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई।
आज के समय में मोबाइल, कंप्यूटर और सोशल मीडिया कब हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गए पता ही नहीं चला। सबसे ज्यादा जरूरी तो इंटरनेट और मोबाइल फोन हो गए। वह तो जैसे शरीर का ही हिस्सा बन गए हैं। लोग खाने की जुगत से पहले इंटरनेट रिचार्ज करना जरूरी समझने लगे हैं।
एक दिन तो क्या कुछ घंटे भी मोबाइल और इंटरनेट न रहे तो ऐसा लगता है जैसे इस दुनिया से ही कनेक्शन खत्म हो गया हो। अब तो आलम ये है कि इनके बगैर आप कोई भी और काम ही नहीं सकते। पढ़ने से लेकर व्यापार, मनोरंजन, ओर तो ओर अब तो दोस्तों से मिलना तक भी इंटरनेट के ज़रिए ही हो जाता हैं। अगर एक दिन इंसान नेट इस्तेमाल न करें तो उसकी तो दुनियां ही रुक जाती हैं।
यहां तक की अब तो ट्रेन से लेकर प्लेन और चिकित्सा से लेकर शॉपिंग तक के लिए इंटरनेट, मोबाइल, कम्प्यूटर और लैपटॉप जरूरी हो गए हैं। यही कारण है कि कल यानी 19 जुलाई को माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में गड़बड़ी आई तो पूरी दुनिया में तहलका मच गया। चारों ओर हाय-तौबा मच गई। साइबर सुरक्षा सॉफ्टवेयर कंपनी क्राउडस्ट्राइक के नए अपडेट को इस व्यवधान का कारण बताया जा रहा है। इसके कारण विंडोज आधारित कम्प्यूटर और लैपटॉप प्रभावित हुए। स्क्रीन नीली हो गई। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह इस मामले की जांच कर रही है।
जो उपयोगकर्ताओं की विभिन्न माइक्रोसॉफ्ट 365 ऐप्स और सेवाओं तक पहुंचने की क्षमता को प्रभावित कर रहा था इस गड़बड़ी के कारण उपयोगकर्ताओं को कम्प्यूटर और लैपटॉप की स्क्रीन पर ‘ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ’ संदेश दिखाई दे रहे थे तथा अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों, बैंकों और मीडिया संस्थानों में व्यवधान की खबरें दुनियाभर से आ रही थी। दुनिया भर में कई एयरलाइंस, बैंक, मीडिया संस्थान के कामकाज पर असर पड़ा। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ था।
क्या है 1997 की कहानी
दरअसल 16 जुलाई 1997 को पहली बार दुनिया भर में इंटरनेट एक साथ बंद हो गया था। इसे DNS TLD Outage नाम दिया गया था। उस समय करीब 5 करोड़ लोग इससे परेशान हुए थे। उस समय तक भारत जैसे देशों में भी इंटरनेट, मोबाइल, कम्प्यूटर सीमित संख्या में थे। इसके बावजूद 4 घंटे तक पूरे विश्व में काम बंद हो गया था।
एयरलाइन सेवा से लेकर इंटरनेट के जरिए काम होने वाले सभी दफ्तरों में काम रुक गया था। इसके कारण दुनियाभर में इंटरनेट पर निर्भरता को लेकर सवाल भी उठे। Ingres डेटाबेस विफलता के कारण .com और .net जोन काम नहीं कर रहे थे। बाद में DNS रूट सर्वर पर रिलीज किया गया। जैसे ही रूट सर्वर पुनः लोड किए गए, उन्होंने .com और .net जोन में सभी डोमेन की समस्या दूर कर दी। इस समस्या का कारण ऑटोमेशन और मानवीय विफलता बताया गया था।
2000 ने बढ़ाई थी टेंशन
आपको बता दें कि सहस्राब्दी के अंत में Y2K बग ने दुनिया को परेशान कर दिया था। Y2K बग वर्ष 2000 के आने से पहले दुनिया भर के कंप्यूटर प्रोग्रामर्स के लिए चुनौती बन गया था। 1960-1980 के दशक में, कंप्यूटर इंजीनियरों ने डेटा भंडारण स्थान को बचाने के लिए “19” को हटाकर वर्ष के लिए दो अंकों के कोड का उपयोग किया था. वर्ष 2000 के करीब आते-आते इस संक्षिप्त तिथि प्रारूप ने चिंताएं पैदा कर दीं। प्रोग्रामर्स को एहसास हुआ कि कंप्यूटर “00” की व्याख्या 1900 के रूप में कर सकते हैं, न कि 2000 के रूप में। दैनिक या वार्षिक आधार पर प्रोग्राम की गई गतिविधियां हानिकारक या गलत हो सकती हैं। बैंकों को Y2K बग के कारण बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। बग के कारण कंप्यूटर ने ब्याज दरों की गलत गणना की, जिससे ग्राहकों से एक दिन के बजाय शून्य से 100 वर्ष का शुल्क लिया गया।
इस गलती के परिणामस्वरूप गलत ब्याज शुल्क लगा, जिससे बैंकों और ग्राहकों को नुकसान हुआ। सुरक्षा जांच के लिए नियमित कंप्यूटर रखरखाव पर निर्भर बिजली संयंत्र भी खतरे में थे। एयरलाइंस सहित परिवहन के अन्य साधन भी Y2K बग की चपेट में थीं। उड़ानें निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार कंप्यूटर सही समय और तारीख की सटीक गणना करने में विफल रहे। इससे संभावित उड़ान व्यवधान और सुरक्षा जोखिम पैदा हो गए, खासकर इसलिए क्योंकि 1900 में बहुत कम एयरलाइन उड़ानें थीं। बाद में प्रोग्रामर्स ने इस समस्या से छुटकारा दिलाया था।
2021 की facebook problem
शायद आपको 2021 में दुनिया भर में फेसबुक का 7 घंटे आउटेज होना तो याद ही होगा। उस समय तक वाट्सअप के जरिए ज्यादातर ऑफिसों में काम होने लगा था। आम लोग तो खैर फेसबुक और वाट्सअप बंद होने की वजह से परेशान थे ही, लेकिन दुनिया भर में काम की गति बेहद धीमी हो गई थी। कारण वाट्सअप के जरिए फाइलों को देखना, ट्रांसफर करना और ट्रैक करना बेहद आसान था। एकदम से फेसबुक बंद होने से लोगों को काफी देर तक समझ नहीं आया कि क्या किया जाए। इस समस्या से करीब 2 अरब 85 करोड़ यूजर परेशान रहे थे।
4 अक्टूबर, 2021 को लगभग 11:45 पूर्वाह्न ईएसटी पर ऑनलाइन सोशल मीडिया साइट फेसबुक, साथ ही इंस्टाग्राम और वाट्सअप सहित फेसबुक सहायक कंपनियां बंद हो गईं थी।
बता दे की लगभग 4:00 अपराह्न ईएसटी, लोगों ने बताया कि gmail और ट्विटर सहित डाउनडिटेक्टर के माध्यम से अन्य साइटें काम नहीं कर रही थीं, संभवतः फेसबुक उपयोगकर्ताओं द्वारा आउटेज की रिपोर्ट करने के कारण ऐसा हुआ।
व्हिसलब्लोअर के 60 मिनट पर बंद होने के एक दिन से भी कम समय बाद यह कटौती हुई। थोड़े समय के लिए, कोई भी फेसबुक कर्मचारी अपने “कीकार्ड काम नहीं करने” के कारण समस्या की जांच करने के लिए इमारत तक नहीं पहुंच सका। लगभग 6:30 अपराह्न ईएसटी पर, फेसबुक ने बताया कि उनकी सभी साइटें चालू हो गईं। फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग को आउटेज के बाद लगभग सात बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। यह समस्या क्यों हुई थी, इसका आजतक पता नहीं चल पाया।
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