नहर में नहाने गए तीन नाबालिगों की डूबने से मौत

नई दिल्ली/सफदर अली (Shah Times) । भलस्वा डेयरी की श्रद्धानंद कॉलोनी में रहने वाले तीन नाबालिग बुधवार दोपहर साथियों के साथ हैदरपुर नहर में नहाने गए थे। जिनकी डूबने से मौत हो गई। जबकि उनके अन्य साथी उनको डृूबता देखते रहे।

दमकलकर्मियों ने गोताखोरों की मदद से तीनों के शवों को नहर से बाहर निकाला। शवों को बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिये हैं। वीरवार को शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस मामला दर्ज करके जांच कर रही है।


जानकारी के मुताबिक तीनों मृतकों की पहचान आयान (13)रेहान(14)और अंकित (15)के रूप में हुई है। तीनों भलस्वा डेयरी स्थित श्रद्वानंद कॉलोनी के रहने वाले थे। के एन काटजू मार्ग पुलिस को शाम तीन बजकर 31 मिनट पर बच्चों के हैदरपुर नहर में डूबने की पीसीआर कॉल मिली थी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। दमकलकर्मियों ने गोदाखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन करके काफी मशक्कत के बाद तीनों बच्चों के शवों को बाहर निकाला।

जिनको बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया। बताया गया कि पीसीआर कॉल एक बच्चे के रिश्तेदार ने की थी। जो राजीव नगर कॉलोनी भलस्वा डेयरी का रहने वाला था। जिसके बाद तीनों के परिवार वाले नहर पर पहुंचे थे। शुरूआती जांच में पुलिस को पता चला है कि बुधवार को स्कूल की छुट्टी होने के कारण तीनों बच्चे एक साथ नहाने के लिये निकले थे। तीनों को तैरना नहीं आता था। तीनों गहराई में चले गए थे। पानी का बहाव तेज होने के कारण तीनों पानी में ही डूब गए थे। उन्होंने चिल्लाकर खुद को बचाने की कोशिश की थी। लेकिन आसपास जो भी बच्चे थे। उनको भी ज्यादा तैरना नहीं आता था। जिसके कारण वे तीनों को बचा नहीं सके।

स्थानीय लोगों ने बताया कि हैदरपुर नहर खुली हुई है। जिसके दोनों तरफ सीमेंट की ढलान बना रखी
है। सडक़ पर वाहनों की आवाजाही रहती है। जब तीनों बच्चे डूबे थे। वहां पर कई वाहनों की आवाजाही भी थी। लेकिन किसी को तैरना नहीं आता था। जिसके कारण तीनों बच्चों की मौत हुई।

तीनों बच्चों के परिवार में मातम
परिजनों ने बताया कि उनको पता भी नहीं हैं कि तीनों कब एक दूसरे से मिले और नहाने चले गए थे। हमको तो लग रहा था कि उनके बच्चे इलाके में ही होगें। जो आ जाएंगें। लेकिन नहीं पता था कि उनके मौत की खबर आएगी। खबर आने के तुरंत बाद परिवार वाले नहर पर गए थे। जहां पर उनके सामने बच्चों के शवों को गोताखोरों ने बाहर निकाला था।


स्थानीय लोगों ने बताया कि नहाने के लिये आसपास की गली के नौ बच्चे गए थे। जब तीनों बच्चे आयान,रेहान और अंकित डूब रहे थे। उन्होंने हाथ पैर मारकर बचाने के लिये शोर भी मचाया था। मगर उनके बाकी छह साथियों को भी ज्यादा तैरना नहीं आता था। जिसके कारण वो भी अपने साथियों को बचाने के लिये आसपास चिल्लाकर सहायता मांगते रहे थे। बच्चों से उनको पता चला कि तीनों को ज्यादा गहराई में जाने से मना भी किया था। लेकिन तीनों को पानी की गहराई के बारे में पता नहीं था। जिसके कारण तीनों की डूबने से मौत हो गई थी।

मजदूरी करके बच्चों को कुछ बनाने की कोशिश थी
तीनों बच्चों के पिता प्राईवेट नौकरी व काम करके परिवार का पालन पोषण करते हैं। जानकारों ने बताया कि तीनों के पिता मेहनत करके तीनों को कुछ बनाना चाहते थे। लेकिन उनके सपने हमेशा हमेशा के लिये टूट गए हैं। उनको यह एक सपना सा लग रहा है कि उनके बेटे जो कुछ देर पहले घर पर हस बोल रहे थे। वो अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं।

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