भाजपा के इस नेता ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की याचिका

सुब्रमण्यम स्वामी एवं राहुल गाँधी

भारतीय संविधान और नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत, भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है।

Gopi Saini

शाह टाइम्स। राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर विवाद हाल ही में फिर से चर्चा में आया है, जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। इस याचिका में दावा किया गया है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन स्थित एक कंपनी के दस्तावेजों में खुद को ब्रिटिश नागरिक के रूप में घोषित किया था। सुब्रमण्यम स्वामी ने इस आधार पर राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने के लिए गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है।

राहुल गांधी की नागरिकता पर पूर्व BJP सांसद ने उठाए सवाल

याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी ने अपनी नागरिकता की स्थिति के बारे में गलत जानकारी दी थी, जो भारतीय नागरिकता कानूनों के तहत गंभीर मामला है। भारतीय संविधान के तहत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, इसलिए अगर कोई भारतीय नागरिक खुद को किसी अन्य देश का नागरिक घोषित करता है या किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त करता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता रद्द हो सकती है।

गृह मंत्रालय याचिका की करेगा जांच

इस मामले में, गृह मंत्रालय इस याचिका की जांच करेगा और इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। यह मामला कानूनी प्रक्रिया के तहत है, और अदालत और संबंधित प्राधिकरण इस पर उचित निर्णय लेंगे। इस मामले में निर्णय का व्यापक राजनीतिक और कानूनी असर हो सकता है, और यह देखने वाली बात होगी कि अदालत और गृह मंत्रालय इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेते हैं।

क्या गृह मंत्रालय खत्म कर सकता है किसी की भारतीय नागरिकता

भारत में गृह मंत्रालय के पास नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत कुछ विशेष परिस्थितियों में किसी व्यक्ति की भारतीय नागरिकता को अस्वीकार या रद्द करने का अधिकार है। इस अधिनियम के अंतर्गत, नागरिकता रद्द करने के मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं।

स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करना

भारतीय संविधान और नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत, भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है। अगर कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार करता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता रद्द की जा सकती है।

फर्जी जानकारी या दस्तावेज़ प्रस्तुत करना

यदि किसी व्यक्ति ने नागरिकता प्राप्त करने के लिए फर्जी जानकारी या दस्तावेज़ प्रस्तुत किए हैं, तो उसकी नागरिकता रद्द की जा सकती है।

राज्य के प्रति निष्ठा में कमी

यदि किसी व्यक्ति की गतिविधियां भारत के हितों के विरुद्ध पाई जाती हैं, या वह राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा बनता है, तो उसकी नागरिकता रद्द की जा सकती है।

पांच साल की अवधि के भीतर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां

यदि किसी व्यक्ति को नागरिकता प्राप्त होने के पांच साल के भीतर देश के खिलाफ या राज्य की सुरक्षा के खिलाफ काम करते हुए पाया जाता है, तो उसकी नागरिकता रद्द की जा सकती है।

विदेशी सेवा में शामिल होना

अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य देश की सेना, सरकार, या विदेशी सेवा में शामिल होता है, बिना भारतीय सरकार की अनुमति के, तो उसकी नागरिकता रद्द की जा सकती है।

देश से बाहर पांच साल से अधिक की अवधि तक रहना

अगर कोई भारतीय नागरिक बिना उचित कारण के पांच साल से अधिक समय तक विदेश में रहता है, और इस दौरान वह भारतीय नागरिकता के प्रति अपने दायित्वों को पूरा नहीं करता है, तो उसकी नागरिकता भी रद्द की जा सकती है।

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