
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
भोपाल । मध्य प्रदेश (MP) में सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों के लिए आज सुबह सात बजे प्रारंभ हुए मतदान के शुरूआती दो घंटों के दौरान दस से पंद्रह प्रतिशत के बीच वोट पड़ने की खबरें हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने आज मध्य प्रदेश (MP) के सीहोर (Sehore) जिले के अपने गृह ग्राम जैत में अपने परिवार के साथ मतदान किया।
चौहान ने विधानसभा निर्वाचन के लिए सीहोर जिले के आदर्श मतदान केंद्र ग्राम जैत के शासकीय माध्यमिक शाला भवन में मताधिकार का उपयोग किया। चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह, पुत्र कार्तिकेय चौहान (Kartikeya Chauhan) एवं कुणाल चौहान (Kunal Chauhan) ने भी मतदान किया। मतदान के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आज लोकतंत्र का महापर्व है। सबसे पहली अपील मतदाताओं से यही है कि अपने मताधिकार का उपयोग अवश्य करें। पिछले 18 साल में प्रदेश के विकास के अभूतपूर्व काम किए हैं। बीमारू प्रदेश को विकसित बनाया है और अब सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना चाहते हैं। राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में काम कर रही है।
उन्होंने राज्य सरकार (state government) की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि इन कार्यों को लगातार जारी रखने के लिए प्रार्थना है कि भाजपा को वोट दें। उन्होंने कहा कि अब बहनों को लखपति बनाना एवं शिक्षा और स्वास्थ्य में क्रांति लाना अगला काम होगा।
इसके पहले चौहान ने देव दर्शन से दिनचर्या प्रारंभ की। उन्होंने स्थानीय हनुमान मंदिर में नमन किया और अपने पैतृक निवास परिसर में माताजी स्वर्गीय सुंदर देवी चौहान की स्मृति में निर्मित मंदिर में भी नमन किया और नर्मदा घाट जाकर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की।
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राज्य में मतदान प्राय: शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है, लेकिन मुरैना (Morena) जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र में दो पक्षों में संघर्ष की सूचना है। इस दौरान एक व्यक्ति घायल हुआ है। पुलिस प्रशासन भी तत्काल हरकत में आ गया। दिमनी से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। दिमनी समेत संपूर्ण मुरैना जिले में अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की गयी है और सुबह से मतदान जारी है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार लगभग पांच करोड़ साठ लाख मतदाताओं में से सुबह नौ बजे तक दस से पंद्रह प्रतिशत लोगों द्वारा मताधिकार का उपयोग करने की सूचनाएं हैं। मतदान सभी 64 हजार 626 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। इक्का दुक्का स्थानों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) में खराबी की सूचना के बाद कुछ समय के लिए मतदान प्रभावित हुआ। वैकल्पिक व्यवस्था के जरिए वहां भी मतदान प्रारंभ कराया गया।
शहरी और नगरीय क्षेत्रों में सुबह से ही मतदाताओं में मतदान के प्रति उत्साह देखा गया। खासतौर से महिलाओं ने सुबह से मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान किया। युवा और पहली बार वोट डालने वाले युवक और युवतियों में भी मतदान के प्रति उत्साह देखा जा रहा है।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने सीहोर जिले के गृह गांव जैत में परिवार समेत वोट डाला। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दतिया जिले में मतदान किया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने छिंदवाड़ा (Chhindwara) जिले में और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने इंदौर (Indore) में वोट किया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के अनेक नेताओं ने भी अपने अपने गृहनगर स्थित मतदान केंद्र पहुंचकर वोट डाला।
नक्सली प्रभावित बालाघाट (Balaghat) जिले के बैहर, लांजी और परसवाड़ा विधानसभा (Parswara Assembly) क्षेत्र के सभी मतदान केंद्राें में मतदान दिन में तीन बजे समाप्त हो जाएगा। इसी तरह नक्सली प्रभाव के कारण मंडला (Mandala) जिले के बिछिया विधानसभा क्षेत्र के 47 और मंडला विधानसभा (Mandala Assembly) क्षेत्र के आठ मतदान केंद्रों तथा डिंडोरी (Dindori) जिले के डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले 40 मतदान केंद्रों पर भी वोट डालने का कार्य दिन में तीन बजे तक चलेगा। शेष सभी मतदान केंद्रों में शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे।
“क्रिटिकल” मतदान केंद्रों की संख्या 17 हजार 32 है। कुल एक हजार 316 “वल्नरेबल” क्षेत्र चिंहित किए गए हैं। ऐसे क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखने के लिए सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। लगभग 4028 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गयी है, तो मतदान में बाधा पहुंचा सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ पहले से ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गयी है।
निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न कराने के लिए राज्य पुलिस बल के अधिकारियों और जवानों के अलावा रिजर्व पुलिस बल को तैनात किया गया है। “नॉन फोर्स मेजर” के तहत कुल 42 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकॉस्टिंग और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जा रही है। मतदान केंद्रों पर और सख्त निगरानी के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भोपाल में कंट्रोल रूम से वेबकॉस्टिंग को “लाइव” देखा जा रहा है।
निर्वाचन आयोग ने सभी मतदाताओं से वोट डालने का अनुरोध किया है और मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरुकता संबंधी काफी प्रयास किए गए हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 75़ 63 प्रतिशत और वर्ष 2013 के चुनाव में 72़ 69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था।
राज्य में सोलहवीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव में कुल 2533 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 2280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक अन्य (थर्ड जेंडर) प्रत्याशी शामिल हैं। मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान बुधनी से, पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) छिंदवाड़ा से और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी से, प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर से और फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला जिले के निवास से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) इंदौर (Indore) एक क्षेत्र से तथा चार सांसद, राज्य सरकार के दो दर्जन से अधिक मंत्री और अन्य प्रमुख नेताओं की किस्मत भी मतदान के बाद ईवीएम में कैद हो जाएगी।
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कुल 2533 प्रत्याशियों में भाजपा और कांग्रेस (BJP and Congress) के 230-230 के अलावा बसपा के 181, सपा के 71 और 1166 निर्दलीय प्रत्याशी भी शामिल हैं। मतदाताओं की कुल संख्या पांच करोड़ 60 लाख 58 हजार से अधिक है, जिनमें दो करोड़ 87 लाख 82 हजार से ज्यादा पुरुष और दो करोड़ 71 लाख, 99 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। अन्य मतदाता यानी थर्ड जेंडर की संख्या 1292 है।
पंद्रहवीं विधानसभा के गठन के लिए 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल काे स्पष्ट बहुमत (116 सीट) नहीं मिला था। उस समय कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और उसने अन्य दलों के साथ मिलकर दिसंबर 2018 में सरकार बनायी थी। भाजपा को 109 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। इसके अलावा चार निर्दलीयों के साथ ही बसपा के दो और सपा के एक प्रत्याशी ने विजय हासिल की थी।
मार्च 2020 में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के अपने समर्थक विधायकों के साथ दलबदल करने के कारण कांग्रेस सरकार का पतन हो गया था और भाजपा फिर से सत्ता में आ गयी। इसके बाद हुए उपचुनावों के चलते विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 127 और कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 96 हो गयी है। नयी सरकार के गठन को लेकर तस्वीर तीन दिसंबर को मतगणना के साथ साफ हो जाएगी।