भारत और तालिबान के बीच बातचीत, हमारी धरती का नहीं होगा भारत विरोधी उपयोग

भारत की जब कभी भी तालिबान से बातचीत होती है तो सबसे ज्यादा चिंताएं किसी की बढ़ती हैं तो वो है पाकिस्तान।

नई दिल्ली (Shah Times): भारत की जब कभी भी तालिबान से बातचीत होती है तो सबसे ज्यादा चिंताएं किसी की बढ़ती हैं तो वो है पाकिस्तान। पाकिस्तान को उस समय मिर्ची लग पड़ती है जब तालिबान से भारत बातचीत करता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है।

दुबई में हुई मुलाकात

हाल ही में अपने इन्हीं प्रयासों के तहत भारत ने अफगानिस्तान के मौजूदा तालिबान शासन से दुबई में मुलाकात की। दोनों पक्षों की इस मुलाकात की टाइमिंग और चर्चाओं को लेकर कई कयास भी लगने लगे हैं।

विदेश मंत्रालय ने दी यह जानकारी

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मवलावी अहम खान मुत्ताकी से दुबई में मुलाकात की है। गौरतलब है कि भारत ने आधिकारिक तौर पर अफगान तालिबान शासन को मान्यता ही नहीं दी है। इसके चलते भारत ने पहले अफगान तालिबान से पर्दे के पीछे रहते हुए कई मुलाकातें की हैं।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत अपने दशकों पुराने मित्र अफगानिस्तान में विकास को नए सिरे से फिर रफ्तार देगा। विदेश सचिव और अफगान तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के बीच अहम बैठक में इस पर सहमति बनी। बैठक में अफगानिस्तान ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को वरीयता देने का आश्वासन दिया और दोनों देशों के बीच क्रिकेट के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।