
इटावा सफारी पार्क
इटावा। एशिया में एकमात्र एशियाटिक लायन के सबसे बड़े केंद्र के रूप में मशहूर इटावा सफारी पार्क (Etawah Safari Park) में देसी विदेशी पर्यटकों की आमद बढ़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेने का मास्टर प्लान तैयार किया गया है।
सफारी पार्क (Safari Park) के निदेशक अतुल कांत शुक्ला ने गुरुवार को खास बातचीत में कहा “ मास्टर प्लान के तहत फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram), यूट्यूब (YouTube), एक्स (X) सोशल साइट और आकाशवाणी के जरिये से सफारी का व्यापक प्रचार प्रसार किया जायेगा। इटावा सफारी पार्क में बड़ी तादाद में वन्य जीव भी है लेकिन यहां का सबसे बड़ा आकर्षण एशियाटिक शेरों का ही है जिनके दीदार के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां का रूख करते हैं। ”
उन्होने बताया कि सफारी (Safari) का मुख्य आकर्षण एशियाटिक लायन को देखने का पर्यटको का रहता है, इसके लिए सफारी प्रबंधन ने पांच शेरों को बाड़ों से आजाद कर दिया है। अब पर्यटक बंद गाड़ी से जाएंगे और शेर को खुले में विचरण करते देखेंगे।
राजस्थान (Rajasthan) से आए एक पर्यटक ऐसा बताते हैं कि उनके राजस्थान में रणथंभोर में भी शेर है लेकिन वह दिखाई देंगे या नहीं यह नहीं कहा जा सकता लेकिन इटावा सफारी पार्क (Etawah Safari Park) में हर हाल में शेर नजर आएगा और आपको रोमांच का अहसास कराएगा। जिस हिस्से में शेरों को छोड़ कर के रखा गया है वहां पर डॉक्टरों की एक टीम भी हमेशा मौजूद पार्क में 17 शेर है जबकि बड़ी संख्या में हिरन,काले हिरन,भालू,लेपर्ड,आदि भी मौजूद है।
सफारी पार्क (Safari Park) तक पहुंचने के लिए दिल्ली से पांच घंटे, आगरा से दो घंटे, लखनऊ से तीन घंटे में और बुंदेलखंड के किसी भी हिस्से से मात्र दो घंटे का समय लगता है। ताजनगरी आगरा के करीब होने के कारण इटावा सफारी पार्क का महत्व अपने आप में बढ़ा है। सफारी पार्क (Safari Park) के प्रति पर्यटकों के आकर्षण में लगातार इजाफा हो रहा है। सफारी पार्क अपने आप में इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एशिया का एकमात्र ब्रीडिंग सेंटर है जिसके जरिए एशियाटिक शेरों की संख्या में इजाफा होना तय माना जा रहा है।
25 नंबवर 2019 को शुभारंभ के बाद सफारी (Safari) की लोकप्रियता मे खासा इजाफा हो रहा है । सपा सरकार के कार्यकाल में निर्मित इटावा सफारी पार्क का उद्धघाटन एक जून 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था ,लेकिन आम पर्यटकों के लिए 25 नम्वबर 2019 को शुभारंभ किया गया था।
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कुख्यात डाकुओं की शरणस्थली के रूप में बदनाम रही चंबल घाटी को पर्यटकों से आबाद करने की मंशा के साथ सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 2003 में इस प्रोजेक्ट की शुरूआत कराई थी ,लेकिन 2007 में प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने सत्ता में आते ही इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उसके बाद इटावा को पर्यटन मानचत्रि पर लाने की गरज से बीहड़ में लायन सफारी की स्थापना की रूपरेखा शुरू कराई। रूपरेखा का ही नतीजा आज बीहड मे स्थापित सफारी भव्य रूप मे दिखाई दे रहा है।
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ड्रीम प्रोजेक्ट इटावा सफारी पार्क (Etawah Safari Park) का निर्माण मई 2012 में शुरू हुआ था। यह करीब 350 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। इटावा को पर्यटन मानचत्रि पर लाने की गरज से बीहड़ में लायन सफारी की स्थापना की रूपरेखा शुरू कराई थी और आज बीहड मे स्थापित सफारी भव्य रूप मे दिखाई दे रहा है।
इटावा सफारी पार्क (Etawah Safari Park) के बायोलॉजिस्ट बी. एन.सिंह (B. N.Singh) का कहना है कि सफारी पार्क का नाम भी बब्बर शेर प्रजनन केंद्र रखा गया है इसके बाद यहां पर एशियाई शेरों की संख्या में खासी वृद्धि होती हुई दिखाई दे रही है। एशियाई शेरों को देखने वालों में वैसे तो सबसे अधिक देशी पर्यटक ही है लेकिन विदेशी पर्यटक भी इससे अछूते नहीं है।






