जूता फेंकना और स्याही फेकना पॉलिटिकल स्टंट

पिता जी के ऊपर जूता फेंका गया, लोकतंत्र का हिस्सा होने के नाते हमें लगता है कि इस हद तक किसी का भी गिरना गलत : सांसद /पुत्री संघमित्रा मौर्य

बदायूं। उत्तर प्रदेश (UP) के जनपद बदायूं (Badaun) की सांसद और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की पुत्री संघमित्रा मौर्य (Sanghamitra Maurya) ने आज कहा कि पिता जी के ऊपर जूता फेंका गया, ये कोई नयी घटना नहीं हैं लेकिन एक जन प्रतिनिधि होने के नाते, लोकतंत्र का हिस्सा होने के नाते हमें लगता है कि इस हद तक किसी का भी गिरना गलत है।

मौर्य ने संसद के मानसून सत्र (Monsoon session) के समापन के उपरांत सरकार की उपलब्धियां को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की जिसमें उन्होंने लखनऊ (Lucknow) में समाजवादी पार्टी (SP) द्वारा एक कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर जूता फेके जाने के सवाल पर जवाब देते हुए यह कहा।

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बदायूं की सांसद ने कहा “ यह शुरुआत जहां तक मुझे याद है कि 2008 से शुरुआत हुई थी, 2008 में अमेरिका के राष्ट्रपति जार्ज बुश के ऊपर जूता फेंका गया और उसके बाद जूता फेंकने वाला जैदी हीरो बना था, चुनाव लड़ा और जीता। वर्ष 2009 में उस वक्त गृहमंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के ऊपर जूता फेंका गया। आपके ही पत्रकार बंधु ने दिल्ली में फेंका था, वो फेमस हुए, चुनाव लड़े और विधायक बन गए। तो हमें लगता है जूता फेंकना, स्याही फेंकना ये एक राजनीतिक स्टंट (political stunt) के रूप में लोग इस्तेमाल करते हैं कि इस बहाने हम फेमस होंगे और अपने आपको हम स्थापित कर सकेंगे। लेकिन फेमस होने के लिए लोकतंत्र में इस हद तक गिरना निन्दनीय है और मैं इसका विरोध करती हूं।”

उन्होंने कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है ये पूर्व में भी होती चली आई है, हमारी पार्टी के भीष्म पितामह कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी के साथ भी ऐसी घटना हुई है, इससे कोई भी अछूता नहीं रहा है और ऐसे बड़े लोगों को ही चुनना यानी कि हम अपनी राजनीति को चमकाने का ही एक उद्देश्य है इसके अलावा कुछ नहीं है।

भाजपा द्वारा प्रेस पर अंकुश लगाकर चुनाव लड़ने के सवाल पर बदायूं की संसद संघमित्रा मौर्य ने जवाब दिया कि हमारी सरकार की ऐसी कोई भी रणनीति नहीं है कि किसी पर अंकुश लगाएं फिर आप तो चौथा स्तंभ कहे जाते हैं। आप पर हर किसी को विश्वास है और हमारी सरकार किसी के विश्वास को ठेस पहुचाने वाली सरकार नहीं है। हो सकता है प्रमुख सचिव जी किस उद्देश्य से बोले हैं हमें जानकारी नहीं है। उनकी बात पर मैं अपना कोई वक्तव्य नहीं रखूंगी।

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