केरल के मंदिरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा पर बैन

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कांग्रेस बोली- 90 प्रतिशत ​​​​​​​ हिन्दू RSS के खिलाफ

देवस्वम बोर्ड ने कहा-राजनीतिक आयोजन भी नहीं होंगे

नई दिल्ली केरल के मंदिरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) की शाखा लगाना बैन कर दिया गया है। केरल में मंदिरों का मैनेजमेंट संभालने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) ने सभी 1248 मंदिरों को सर्कुलर जारी किया है।

सर्कुलर में कहा गया- मंदिरों में सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान और आयोजन ही कराए जाएं। किसी भी राजनीतिक गतिविधि या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा की इजाज़त नहीं दी जाए।

सर्कुलर में बोर्ड ने साफ किया कि आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, बोर्ड ने 30 मार्च 2021 और 2016 में भी सर्कुलर जारी किया था कि मंदिर परिसरों में पूजा-अनुष्ठान के अलावा किसी भी तरह के राजनैतिक आयोजन नहीं होंगे।

नए निर्देश 18 मई को इसलिए जारी किए गए क्योंकि बोर्ड को पता चला था कि राज्य के कुछ मंदिरों में आदेश के बाद भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) के इवेंट हो रहे थे। इसलिए अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) की शाखा, हथियार प्रशिक्षण और अभ्यास पर रोक लगा दी गई है।

आदेश न मानने वालों की त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) में शिकायत करें देवस्वम बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि सिर्फ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) ही नहीं, किसी भी संगठन या राजनीतिक दलों को पूजा-अनुष्ठान के अलावा मंदिर परिसर में कोई अन्य आयोजन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बोर्ड के अधिकारियों को इस तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने और मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा है।अगर, इसके बाद भी मंदिरों में ऐसे आयोजन होते हैं तो आम लोग भी बोर्ड में शिकायत करें।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को हुई थी। उस दिन विजयादशमी थी। डॉ. केशव हेडगेवार संघ के संस्थापक हैं।

केरल विधानसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने कहा कि केरल में लगभग 90 प्रतिशत हिन्दू संघ परिवार के खिलाफ हैं। इसलिए मंदिर परिसर में किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक सही है।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी मंदिर परिसर में शाखाओं की फिजिकल ट्रेनिंग के लिए RSS की आलोचना की थी। BJP केरल उपाध्यक्ष केएस राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री पिनाराई के इस बयान पर कहा था कि पिनाराई को अपने परिवार के सदस्यों को संतुष्ट करना चाहते हैं। पिनाराई अपने दामाद, पीए मुहम्मद रियास के धार्मिक हितों की रक्षा करने की कोशिश में यह बोल रहे हैं।

त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) का गठन 1950 में हुआ था। केरल के इसके अलावा गुरुवयुर, मालाबार, कोचीन और कुडलमानिक्यम बोर्ड में हैं। पांचों बोर्ड मिलकर लगभग 3 हजार मंदिरों का प्रबंधन करते हैं।

केरल राज्य के 1248 मंदिरों का प्रबंधन त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) करता है। यह एक स्वतंत्र संस्था है। इसका गठन त्रावणकोर कोचीन हिंदू रिलीजियस इंस्टीट्यूशन एक्ट XV 1950 के तहत हुआ था। प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के सभी अनुष्ठान भी इसी बोर्ड के निर्देशन में होते हैं। त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष वरिष्ठ CPM नेता के अनंतगोपन हैं।

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