Report by Nadeem Siddiqui
सीबीआई ने याचना पर जताई आपत्ति
मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड (Uttarakhand) आंदोलन से जुड़े रामपुर तिराहा कांड (Rampur Tiraha incident) में आरोपियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर वह फोटो दिलाने की मांग की है जिनसे पीड़ितों ने उनकी पहचान की थी। आरोपियों की ओर से दाखिल की गई याचना पर सीबीआई (CBI) ने आपत्ति दाखिल कर विरोध जताया है। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 24 अगस्त यानी कल बुधवार की तिथि नियत की है।
असल में मामला यूपी का हिस्सा रहे उत्तरांचल (Uttaranchal) को पृथक राज्य बनाने की मांग को लेकर हुए आंदोलन से जुड़ा है। वर्ष 1994 में 1/2 अक्टूबर की रात्रि उत्तराखंड (Uttarakhand) को अलग राज्य गठन की मांग को लेकर आंदोलनकारियो ने दिल्ली (Delhi) के लिए बढ़ाना शुरू किया था। उत्तर प्रदेश में इस समय स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के नेतृत्व वाली सरकार थी।
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सरकार का फरमान जारी हुआ तो पुलिस ने नाकाबंदी कर जनपद के रामपुर तिराहे पर आंदोलनकारियों को रोक लिया जहां उनकी पुलिस फोर्स से तीखी झड़पें भी हुई और फायरिंग में 7 आंदोलनकारी मारे गए। साथ ही आंदोलनकारी महिलाओं के साथ रेप की शिकायतें भी सामने आई। पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग कई मुकदमे दर्ज किए थे हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एव सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या- 7 शक्ति सिंह के न्यायालय में विचाराधीन है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता परविंदर सिंह ने बताया कि इस मामले में सुनवाई के दौरान आरोपियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अपने फोटो वापस दिलाने की मांग की जिस पर सीबीआई की ओर से विशेष अभियोजन धारा सिंह मीणा ने फोटो वापस किए जाने का विरोध करते हुए लिखित में आपत्ति दाखिल की उन्होंने बताया कि प्रार्थना पत्र के निस्तारण और अग्रिम साक्ष्य के लिए कोर्ट ने 24 अगस्त की तिथि नियत की है।