पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया भर में जारी अलग-अलग जंग का सबसे बुरा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। ऐसे में दुनिया में शांति बहाल करना बेहद जरूरी है। मैं बुद्ध की धरती से आता हूं। हमने हमेशा यही कहा है कि यह जंग का युग नहीं है।”
वियनतियाने (Shah Times): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाओस के दौरे पर हैं। यहां लाओस की राजधानी वियनतियाने में ईस्ट एशिया सम्मेलन चल रहा है। यहां बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत हमेशा से ही आसियान देशों के बीच एकता को सपोर्ट करता रहा है।
यह बोले पीएम
पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया भर में जारी अलग-अलग जंग का सबसे बुरा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। ऐसे में दुनिया में शांति बहाल करना बेहद जरूरी है। मैं बुद्ध की धरती से आता हूं। हमने हमेशा यही कहा है कि यह जंग का युग नहीं है।”
अमेरिका के विदेश मंत्री से पीएम ने की मुलाकात
ईस्ट एशिया समिट शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। उन्होंने मिल्टन तूफान में मारे गए लोगों के प्रति दुख जताया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में इंडिया-आसियान समिट में हिस्सा लिया।
मोदी ने की यह बड़ी घोषणा
मोदी ने लाओस में भारत और ब्रुनेई के बीच सीधी उड़ानें शुरू करने की घोषणा की। PM मोदी लाओस में 10वीं बार इंडिया-आसियान समिट में शामिल हुए। इससे पहले लाओस पहुंचने पर बौद्ध भिक्षुओं ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने वियनतियाने में लाओस की रामायण भी देखी।
जापान और न्यूजीलैंड के साथ द्विपक्षीय की बातचीत
PM मोदी ने वियनतियाने में आज शाम जापान के प्रधानमंत्री इशिबा के साथ द्विपक्षीय बातचीत की है। बैठक के बाद PM मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि जापानी PM इशिबा से मिलकर उन्हें खुशी हुई। दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
म्यांमार के मुद्दे पर हुई चर्चा
ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में म्यांमार में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध पर भी चर्चा हुई। फरवरी 2021 में म्यांमार की सेना ने आंग सान सू की सरकार का तख्तापलट कर दिया था। इसके बाद से म्यांमार में करीब 6,000 लोग मारे गए हैं और 30 लाख से अधिक विस्थापित हुए हैं।
आसियान क्या है
आसियान की स्थापना 1967 में बैंकॉक में हुई थी। यह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। इसका पूरा नाम एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) है। इसमें कुल 10 सदस्य देश हैं, जिनमें इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, म्यांमार, कंबोडिया, ब्रुनेई और लाओस शामिल हैं। भारत ने 2022 में आसियान देशों के साथ कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप (CSP) साइन की थी। इसके तहत रक्षा, आर्थिक और तकनीकी हितों को बढ़ाने के लिए मिलकर काम किया जाता है। वहीं, इस इलाके में चीन को काउंटर करने के लिए भारत आसियान देशों के साथ संबंधों को मजबूत कर रहा है।