PM मोदी करे स्वीकार मणिपुर में विफल डबल इंजन सरकार
पूछे तीन सवाल…
पीएम मोदी आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए?
पीएम मोदी को मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लगे?
पीएम मोदी ने आज तक मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया?
दिल्ली। कांग्रेस (Congress) ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर (Manipur) मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) का मौन तोड़ने के लिए विपक्ष को लोकसभा (Lok Sabha) में उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) लाने का कदम उठाना पड़ा क्योंकि प्रधानमंत्री का बयान सरकार के किसी मंत्री के बयान के ज्यादा वजन रखता है।
प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर (Manipur) के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) पर स्थिति को काबू पाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाये जाने की मांग की।
अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सदन में कांग्रेस दल (congress party) के उप नेता गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने कहा, “ यह प्रस्ताव मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री जी का मौन तोड़ने के लिए लाया गया है। प्रधानमंत्री ने सदन के सामने राज्य की स्थिति पर बयान दिया होता तो यह स्थिति न आती। ” उन्होंने कहा कि मोदी को मान लेना चाहिए कि मणिपुर में उनकी डबल इंजन सरकार विफल हो गई।
उन्होंने पीएम के सामने तीन सवाल रखते हुए कहा , “ पीएम मणिपुर (Manipur) अब तक क्यों नहीं गए, … उन्होंने मणिपुर (Manipur) 30 सेंकेड का बयान दिया, इसमें 80 दिन क्यों लग गए । उन्होंने अब तक मणिपुर में सीएम एन बीरेन सिंह की सरकार को बर्खास्त क्यों नहीं किया। ”
गोगोई (Gogoi) ने कहा कि मणिपुर (Manipur) विभाजित हुआ है , यह केवल पूर्वोत्तर के किसी एक राज्य का मुद्दा नहीं है बल्कि यह पूरे भारत का मुद्दा है। ” उन्होंने मणिपुर (Manipur) के मुद्दे को न्याय का मुद्दा बताते हुए अमेरिका के नागरिक अधिकार आंदोलन के पुरोधा स्वर्गीय मार्टिन लूथर किंग की इस प्रसिद्ध युक्ति को उद्धृत किया, “ अगर एक जगह इंसाफ नहीं हो रहा है तो कहीं भी इंसाफ नहीं है। ” अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी गुुरुवार को जवाब देंगे।
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गोगोई ने कहा, “ मणिपुर (Manipur) के युवा , किसान और महिलायें आज इंसाफ मांग रही हैं। आज मणिपुर (Manipur) जल रहा है, मणिपुर (Manipur) भारत का हिस्सा है अगर वहां आग लगी है तो समझना चाहिए कि पूरे भारत में भी आग लगी है। ” उन्होंने कहा कि उनकी मांग की है कि देश का मुखिया होने के नाते नरेन्द्र मोदी को सदन में आयें और मणिपुर पर कुछ कहें। सदन को ऐसी अपेक्षा थी कि लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने मणिपुर मुद्दे पर मौन व्रत ले लिया लेकिन अफसाेस ऐसा नहीं हुआ। वह न राज्यसभा में गये और न ही लोकसभा में आए। गोगोई ने कहा कि मणिपुर (Manipur) में महिलाओं और बच्चों के साथ बहुत अत्याचार किया जा रहा है। बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनायें हुई हैं। उन्होंने महिलाओं को नग्न घुमाये जाने के वायरल वीडियो की चर्चा करते हुए कहा कि सीएम ने माना है 100 से अधिक ऐसी घटनायें हुई हैं।
गोगोई ने कहा कि उत्तराखंड, गुजरात , त्रिपुरा के चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री बदले जा सकते हैं लेकिन इतनी हिंसा के बावजूद मणिपुर के मुख्यमंत्री को बदला नहीं गया। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह मणिपुर (Manipur) गये वहां के हालात देखकर उन्हें बहुत दुख हुआ। वहां समाज के बीच बंटवारा है। समाज का एक वर्ग पहाड़ पर रह रहा है और दूसरा वर्ग घाटी में रह रहा है। उन्होंने कहा,“ आज दो मणिपुर बन गये हैं।” उन्होंने कहा, “ वह शासक के लिए अटल जी की राजधर्म निभाने की सलाह याद दिलाना चाहते हैं। ”
संसद में गौरव गोगी ने कहा पीएम तब भी मौन रहे जब न्याय के लिए महिला पहलवान सड़कों पर उतरीं, किसान आंदोलन के दौरान 750 किसानों ने सड़कों पर दम तोड़ दिया , 2020 में दिल्ली में दंगे हुए, जब सदन में अडानी पर राहुल गांधी जी ने सवाल किया, जब चीन पर सवाल किया गया, पुलवामा में जवानों के लिए सुरक्षा की मांग की गई, कोरोना के समय ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग मरते रहे और जब मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है आज भी मौन ही है ।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि भाजपा सरकार पश्चिम बंगाल तो प्रतिनिधि मंडल भेजने की बात तो करती है लेकिन तीन महीने से जल रहे मणिपुर में किसी भी प्रतिनिधि मंडल को भेजने को तैयार नहीं है।