अगले हफ्ते कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल, ​जानिए

अगले सप्ताह जारी होने वाले निर्यात और आयात डेटा पर होगी बाजार की नजरें

बाजार पर थोक एवं खुदरा महंगाई आंकड़ों का भी रहेगा असर

मुंबई। मुंबई वैश्विक बाजार (Global market) के कमजोर रुख और रिजर्व बैंक (RBI) के मुद्रास्फीति अनुमान में बढ़ोतरी के कारण घरेलू बिकवाली के दबाव में स्थानीय स्तर पर हुई बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह करीब आधे प्रतिशत से अधिक लुढ़के घरेलू शेयर बाजार (Domestic Stock Market) पर अगले सप्ताह थोक एवं खुदरा महंगाई (wholesale and retail inflation) के साथ ही आयात और निर्यात के जारी होने वाले आंकड़ों का असर रहेगा।

बीते सप्ताह बीएसई (BSE) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 398.6 अंक अर्थात् 0.61 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 65322.65 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ़्टी 93.8 अंक यानी 0.48 प्रतिशत टूटकर 19423.20 अंक पर आ गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कम्पनियों के विपरीत छोटी और मझौली कम्पनियों में लिवाली हुई। इससे बीएसई (BSE) का मिडकैप 266.9 अंक की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 30429.56 अंक और स्मॉल कैप 219.96 की उड़ान भरकर 35290.61 अंक पर पहुंच गया।

विश्लेषकों के मुताबिक, जुलाई की थोक मूल्य सूचकांक-आधारित (WPI) मुद्रास्फीति और खुदरा मूल्य सूचकांक-आधारित (CPI) मुद्रास्फीति के साथ-साथ निर्यात और आयात डेटा अगले सप्ताह जारी होने वाले हैं, जिस पर बाजार की नजरें होंगी। इसके अलावा आने वाले दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार भी फोकस में रहेगा। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया है, जिसका असर बाजार पर भी पड़ेगा।

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इसके अलावा, अगले सप्ताह बाजार पर असर डालने वाली प्रमुख वैश्विक घटनाओं में चीन का औद्योगिक उत्पादन, अमेरिकी खुदरा बिक्री, कच्चे माल की सूची, बिल्डिंग परमिट, प्रारंभिक बेरोजगार दावे, फेड रिजर्व की एफओएमसी बैठक, यूके की खाड़ी रोजगार दर, खुदरा मुद्रास्फीति, खुदरा बिक्री डेटा जारी किए जाएंगे। यूरो क्षेत्र में मुद्रास्फीति और सकल घरेलू उत्पाद (GDP)। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि भारतीय बाजार (Indian market) सीमित दायरे में रहेगा और आरबीआई के फैसले, अमेरिकी रोजगार डेटा और एफओएमसी बैठक के मिनटों से आगे संकेत लेगा।”

कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच घरेलू स्तर पर हेल्थकेयर, आईटी, तकनीक, दूरसंचार और रियल्टी जैसे क्षेत्रों में घरेलू खरीदारी के कारण सोमवार को सेंसेक्स 232.23 अंक बढ़कर 65953.48 अंक पर और निफ्टी 80.30 अंक बढ़कर 19597.30 अंक पर पहुंच गया। वहीं, कमजोर वैश्विक संकेतों के साथ घरेलू स्तर पर ज्यादातर समूहों में बिकवाली के चलते सेंसेक्स 106.98 अंक टूटकर 65,846.50 पर आ गया और निफ्टी में भी मंगलवार को पिछले सत्र से जारी तेजी थम गई। यह 26.45 अंक गिरकर 19570.85 अंक पर आ गया।

विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर धातु, ऊर्जा, उपभोक्ता ड्यूरेबल्स और तेल एवं गैस समेत 16 समूहों के शेयरों में हुई जोरदार लिवाली के चलते बुधवार को सेंसेक्स 149.31 अंक की तेजी लेकर 65,995.81 अंक और निफ्टी 61.70 अंक की बढ़त के साथ 19,632.55 अंक पर पहुंच गया।

इसी तरह आरबीआई (RBI) के नीतिगत दरों को यथावत रखने के साथ ही चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई (Retail inflation) अनुमान में बढ़ोतरी करने से हताश निवेशकों की एफएमसीजी, टेलीकॉम और बैंकिंग समेत 12 समूहों में हुई बिकवाली के कारण गुरुवार को सेंसेक्स (Sensex) 307.63 अंक से 65,688.18 अंक और निफ्टी 89.45 अंक की गिरावट लेकर 19,543.10 अंक पर आ गया। इसके साथ ही वैश्विक बाजार (Global market) की गिरावट के बीच स्थानीय स्तर पर हेल्थकेयर, वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग और धातु समेत 15 समूहों में हुई बिकवाली से शुक्रवार को सेंसेक्स 365.53 अंक की गिरावट लेकर 65322.65 अंक और निफ्टी 119.90 अंक का गोता लगाकर 19423.20 अंक पर पहुंच गया।

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