
Missiles streak across the night sky over Doha as Iran targets the US Al Udeid Air Base in Qatar, amid rising Middle East tensions. 📸 Shah Times
अमेरिका, इज़राइल और ईरान के दरमियान जंग का खतरनाक मोड़
दोहा में मिसाइलों की बारिश: ईरान ने अमेरिका को दिया जवाब
ईरान ने अमेरिकी अल उदैद एयरबेस पर मिसाइल हमला किया; इज़राइल-ईरान टकराव और कतर की संप्रभुता पर संकट। अमेरिका की प्रतिक्रिया पर अनिश्चितता।
New Delhi, (Shah Times)। ईरान ने कतर में स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अड्डे अल उदैद एयरबेस पर मिसाइल हमला करके पूरी दुनिया को चौंका दिया। ईरान ने इस हमले को “अमेरिकी परमाणु ठिकानों पर हुए हमलों के बदले” की कार्रवाई बताया। यह हमला तब हुआ जब इज़राइल और ईरान के बीच पहले से ही तनाव चरम पर था और एक दिन पहले ही अमेरिका ने ईरान के तीन मुख्य परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया था।
दोहा में धमाकों की गूंज, सुरक्षा बल सतर्क
हमले के तुरंत बाद कतर की राजधानी दोहा में तेज धमाकों की आवाज, आसमान में फलेयर, और एयरबेस के ऊपर एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम सक्रिय होते देखे गए। स्थानीय नागरिकों और विदेशी राजनयिकों को अपने घरों में सुरक्षित रहने की सलाह दी गई। अमेरिकी और ब्रिटिश दूतावासों ने भी चेतावनी जारी की।
ईरानी ‘अनाउंसमेंट ऑफ विक्ट्री’ ऑपरेशन की घोषणा
ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इस ऑपरेशन को “Annunciation of Victory” नाम दिया। तसनीम न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह सिर्फ शुरुआत है और आगे इराक में मौजूद अमेरिकी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है।
कतर की कड़ी प्रतिक्रिया – संप्रभुता का उल्लंघन
हालांकि ईरान ने बयान में कहा कि हमला आबादी से दूर किया गया और कतर के साथ उसके ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंध यथावत रहेंगे, लेकिन कतर ने इसे “अपनी संप्रभुता और वायुक्षेत्र का स्पष्ट उल्लंघन” बताया है। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।
क्या यह ईरान-अमेरिका प्रतिशोध की शुरुआत है?
ईरान ने साफ कर दिया है कि यह हमला अमेरिकी परमाणु ठिकानों पर हुए हमलों की प्रतिक्रिया है। लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह एक एकल हमला था या किसी बड़े अभियान की शुरुआत। 2020 की तरह इस बार भी कयास हैं कि अमेरिका को पहले से जानकारी हो सकती थी। लेकिन इन कयासों की पुष्टि नहीं हो पाई है।
इज़राइल-ईरान संघर्ष का विस्तार
वहीं इज़राइल ने भी तेहरान में कई सरकारी और सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसके जवाब में ईरान ने ड्रोन और मिसाइलों की बौछार की। इस बीच दक्षिण लेबनान के ज़रारियेह, कफ्रार मिल्की और अंसार जैसे गांवों में भी इज़रायली हवाई हमले हुए।
हताहतों की संख्या बढ़ती जा रही है
ईरान का दावा है कि इज़राइली हमलों में अब तक 400 से अधिक लोगों की मौत, जिनमें 13 बच्चे शामिल हैं, और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं, इज़राइल ने बताया कि ईरानी हमलों में कम से कम 24 नागरिक मारे गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
UN सुरक्षा परिषद ने कहा कि अल उदैद पर ईरानी हमला आवासीय इलाकों से दूर हुआ, जिससे कतर के लोगों को प्रत्यक्ष खतरा नहीं हुआ। वहीं, UN की तथ्य-जांच टीम ने चिंता जताई है कि ईरान के अंदर “राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों” का गलत प्रयोग हो रहा है, जिससे पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हो रही है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने संसद में कहा कि उनका देश मध्य पूर्व में अपनी और अपने सहयोगियों की संपत्तियों की रक्षा के लिए तैयार है।
क्या अमेरिका युद्ध में कूदेगा? ट्रंप की टिप्पणी से बढ़ा रहस्य
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के शासन पर टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर मौजूदा शासन ईरान को महान नहीं बना सकता, तो शासन परिवर्तन क्यों न हो?” हालांकि उनके करीबी अधिकारियों ने इससे इनकार किया है कि मौजूदा अमेरिकी कार्रवाइयों का मकसद “रेजिम चेंज” है।
क्या यह जंग और गहराएगी?
ईरान-अमेरिका-इज़राइल की तिकड़ी के बीच यह संघर्ष अब खुलकर सामने आ चुका है। कतर जैसे शांतिप्रिय देश की जमीन पर यह हमला भविष्य में खाड़ी देशों की तटस्थता और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। यह घटना दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि मध्य पूर्व अब किसी एक चिंगारी से महायुद्ध का मैदान बन सकता है।
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