भाजपा जब कांग्रेस को महाराष्ट्र में आदर्श कालोनी घोटाले में घेर चुकी थी और इसके चलते तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण को इस्तीफा भी देना पड़ा था, तभी कर्नाटक में पहली बार मुख्यमंत्री बने बीएस येदियुरप्पा पर जमीन गलत तरीके से आवंटित करने का आरोप लगाया गया था। आरोप सही भी था क्योंकि येदियुरप्पा के बेटी-दामाद ने आवंटित की जमीन वापस कर दी थी। संयोग से जब भाजपा कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है, तभी मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर उनकी ही पार्टी के नेता ने 20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। भाजपा के विधान परिषद सदस्य विश्वनाथ ने आरोप लगाया है कि सिंचाई विभाग में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ठेका तैयार किया गया, जो अपर नहर परियोजना और कावेरी सिंचाई परियोजना से संबंधित है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को पद से हटाने की मांग करने वाले भारतीय जनता पार्टी के असंतुष्ट विधान पार्षद ए एच विश्वनाथ ने गत दिनों (18 जून) आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग ने 21,473 करोड़ रुपये की निविदा को बिना वित्तीय मंजूरी के, जल्दबाजी में तैयार किया और इसमें घोटाला हुआ है। उन्होंने येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र पर सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। विश्वनाथ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, सिंचाई विभाग में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ठेका तैयार किया गया जो भद्रा अपर नहर परियोजना और कावेरी सिंचाई परियोजना से संबंधित है। उसमें वित्त विभाग से कोई वित्तीय मंजूरी नहीं ली गई, बोर्ड की कोई बैठक नहीं हुई।
यह जल्दबाजी में किया गया। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों से “रिश्वत” लेने के उद्देश्य से यह सब किया गया। विश्वनाथ भाजपा से विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) हैं और वह दो साल पहले जनता दल (एस) से नाता तोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, क्या यह ठेकेदारों का हित सोचने वाली सरकार है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्रियों समेत पूरा प्रदेश, प्रशासन में विजयेंद्र के हस्तक्षेप के बारे में बात कर रहा है। विश्वनाथ ने कहा, “आज कौन सा मंत्री संतुष्ट है? प्रत्येक विभाग में उनका (विजयेंद्र का) हस्तक्षेप है।” विश्वनाथ का बयान ऐसे समय पर आया जब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह राज्य में तीन दिवसीय दौरे पर थे। कुछ विधायकों द्वारा येदियुरप्पा को हटाने की मांग करने की पृष्ठभूमि में सिंह, विधायकों से बातचीत करने के लिए कर्नाटक में थे।
कर्नाटक में असंतोष का सामना कर रहे बीएस येदियुरप्पा को उनके ही एक पार्टी सहयोगी ने मुख्यमंत्री बने रहने के मामले में मिजाज, हिम्मत के लिहाज से कमजोर बताया है। बीजेपी नेता एच विश्वनाथ ने यह फीडबैक, पार्टी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी अरुण सिंह के साथ शेयर किया है। सिंह उस समय राज्य में मंडरा रहे सियासी संकट का आकलन करने के लिए पार्टी के विधायकों और नेताओं से मिल रहे थे। राज्य विधान परिषद के सदस्य विश्वनाथ ने 78 वर्षीय येदियुरप्पा पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, हम येदियुरप्पाजी के नेतृत्व और योगदान का सम्मान करते हैं लेकिन अब आयु और स्वास्थ्य के चलते उनमें वह जज्बा नहीं बचा है जो राज्य में सरकार को मजबूती से चला सके। अरुण सिंह के साथ अपनी बैठक में उन्होंने कहा, येदियुरप्पा सरकार से सभी मंत्री नाखुश हैं मोदीजी (पीएम मोदी) लगातार कह रहे हैं कि वंशवादी शासन खतरनाक है लेकिन कर्नाटक में जो चल रहा है, वह यही है। कर्नाटक बीजेपी शायद मोदीजी की बात भूल गई है। मैंने उन्हें बता दिया है कि सरकार के बारे में लोगों की राय निगेटिव है। विश्वनाथ ने राज्य सरकार और प्रशासन में येदियुरप्पा परिवार की दखलंदाजी का भी आरोप है। उन्होंने कहा, श्सभी विभागों में उनके (सीएम के) बेटे का दखल काफी ज्यादा है।
गौरतलब है कि बीजेपी महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह ने हाल ही में कहा था कि येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही कर्नाटक का दौरा करेंगे। अगर कुछ विधायक नाराज हैं तो वे अपनी बात हमारे सामने रख सकते हैं। बीजेपी महासचिव ने कहा कि येदियुरप्पा बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। किसी भी विधायक को यदि कोई नाराजगी है तो उसे यह नाराजगी पार्टी फोरम पर ही व्यक्त करनी चाहिए। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को हटाने को लेकर मुहिम पिछले एक साल से चल रही है। इसके पीछे की वजह येदियुरप्पा परिवार की ओर से सभी मंत्रालयों के तहत होने वाले ट्रांसफर और पोस्टिंग में हस्तक्षेप तथा सीएम की उम्र को बताया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि येदियुरप्पा के खिलाफ लंबे समय से बिगुल बजाने वाले संघ के कद्दावर नेता बीएल संतोष की शह पर यह हो रहा है। कर्नाटक राज्य में नेतृत्व में बदलाव को लेकर सरगर्मी एक बार फिर तेज हो गई है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को हटाने को लेकर ऐसी मुहिम पिछले एक साल से चल रही है लेकिन येदियुरप्पा पहली बार अपना बचाव करते नजर आ रहे है। उनके पक्ष में हस्ताक्षर अभियान चल रहा है। येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव रेनुकाचार्य ने उन नेताओं के दस्तखत दिखाए जो येदियुरप्पा के साथ हैं।
जानकारी के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के 118 में से 65 के आसपास विधायकों का हस्ताक्षर इसमें हैं। रेनुकाचार्य कहते हैं, मैं अपने दिल पर हाथ रखकर कह रहा हूं कि 65 विधायकों ने इस पर दस्तखत किए हैं। कोई अगर कहे कि सीएम के बेटे विजेंद्र के कहने पर यह सब हुआ है तो वह कह सकते हैं, लेकिन सही यह है कि ये सब विधायकों की मर्जी से हो रहा है। सीएम येदियुरप्पा के निर्देश पर यह नहीं हो रहा है। हम लोग यह कर रहे हैं क्योंकि मैं भी विधायक हूं। सीएम के खिलाफ विरोध के इन उठते सुरों के बीच सवाल ये उठता है कि कद्दावर लिंगायत नेता येदियुरप्पा के खिलाफ आवाज कौन उठा रहा है और इसका कारण क्या है? इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह येदियुरप्पा परिवार की ओर से सभी मंत्रालयों के तहत होने वाले ट्रांसफर और पोस्टिंग में हस्तक्षेप बताया गया है।
इसके अलावा येदियुरप्पा की उम्र भी एक फैक्टर है, सीएम 78 वर्ष के हैं। बताया जाता है कि येदियुरप्पा के खिलाफ लंबे समय से बिगुल बजाने वाले संघ के कद्दावर नेता बीएल संतोष व कुछ अन्य की शह पर यह हो रहा है। हालांकि इस बार येदियुरप्पा पहले की तुलना में ज्यादा दबाव में नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया मांगने पर इतना ही कहा, मैं इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता। सिर्फ यहीं कहना चाहता हूं कि जब तक पार्टी आलाकमान का भरोसा मुझ पर है, मैं मुख्यमंत्री बना रहूंगा और जिस दिन वह कहेंगे मैं इस्तीफा दे दूंगा। दूसरे शब्दों में कहें तो कर्नाटक में सियासी हलचल फिर तेज हैं। बीजेपी आलाकमान यह सोचते हुए फूंक-फूंककर कदम उठा रहा है कि येदियुरप्पा को हटाना कहीं उसके लिए गले की फांस न बन जाए। वैसे, येदियुरप्पा को हटाने की मुहिम इस बार कितनी तेज है, इसका अंदाजा हस्ताक्षर अभियान से लगाया जा सकता है जो सीएम अपने विरोधियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए चला रहे हैं।
~(अशोक त्रिपाठी)
संगीन इल्ज़ामात में फिर घिरे येदियुरप्पा

Image Credit: ShahTimesNews
imitrex for sale online - sumatriptan for sale order generic sumatriptan 50mg