नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने गठबंधन कर जीत के बाद मुख्यमंत्री बनने को कहा था लेकिन उन्होंने इसका जवाब तक नहीं दिया और खुद को दलितों का मसीहा बताने वाली इस नेता ने दलितों की आवाज बनने से ही इन्कार कर दिया।
गांधी ने शनिवार को यहां के. राजा की पुस्तक ‘द दलित ट्रुथ’ के विमाेचन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सीबीआई, ईडी, पेगासस का डर इन चुनावों में भी भारी पड़ा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस तरह का भय लोगों में रहा है जिसके कारण भाजपा की जीत का रास्ता आसान हो गया।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 9, 2022
उन्होंने कहा कि “आपने देखा होगा मायावती जी ने चुनाव ही नहीं लड़ा। हमने मायावती जी को मैसेज दिया, अलायंस करिए, चीफ मिनिस्टर बनिए, बात तक नहीं की। मैं कांशी राम जी की रिस्पेक्ट करता हूँ, खून पसीना देकर दलित आवाज जो थी उत्तर प्रदेश की, उसको उन्होंने जगाया। कांग्रेस का नुकसान हुआ, वो अलग बात है, मगर उस आवाज को जगाया। आज मायावती जी कहती हैं कि मैं उस आवाज के लिए लडूंगी नहीं। खुला रास्ता दे दिया। क्यों -सीबीआई, ईडी, पेगासस का डर है।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि डाॅ भीमराव अंबेडकर ने संविधान बनाने और उसको विकसित कर दलितों को संरक्षण देने का काम किया। डॉ अम्बेडकर ने हमें जो हथियार दिया आज उसका कोई मतलब नहीं रह गया है क्योंकि यहां बहुमत की नहीं बल्कि बाहु के बल पर सत्ता पर आने वाले की मनमर्जी चल रही है। श्री गांधी ने कहा “मेरे ऊपर देश का कर्ज है, मैं सोचता हूं कि मेरे देश ने मुझे जो प्यार दिया, जो इज्जत दी, मैं उसको कैसे निभाऊं।”
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