मुजफ्फरनगर। शहर के मोहल्ला कृष्णापुरी निवासी पूर्व सभासद प्रमोद बालियान का छोटा बेटा अंकित बालियान वर्ष 2013 में सशस्त्र सीमा बल में भर्ती हुआ था। वर्तमान में उसकी तैनाती असम प्रांत के जनपद कोकराझार में नक्सल प्रभावित इलाके में थी। बृहस्पतिवार शाम कई गोलियां लगने से अंकित गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसका देर रात सैनिक अस्पताल में मौत हो गई थी।
अंकित की शहादत की सूचना मिलते ही उसके परिवार में कोहराम मच गया था। रविवार दोपहर सीमा सुरक्षा बल के जवान शहीद अंकित का शव लेकर उसके आवास पर पहुंचे, जहां शहीद का शव देख उसकी पत्नी शिवानी, मां मुनेश देवी, पिता प्रमोद बालियान, बहन मोनिका व भाई मोनू समेत अन्य सभी परिजन बिलख उठे। नाते-रिश्तेदारों ने बामुश्किल उन्हें संभाला। इसके बाद सभी परिजनों ने तिरंगे में लिपटे शहीद के शव के अंतिम दर्शन किए।
इसके बाद आवास से शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई, जिसमें हजारों लोगों ने शिरकत करते हुए शहीद को अश्रुपूरित नेत्रों से अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा में हजारों लोग उमड़ पड़े जो भारत माता की जय और शहीद अंकित अमर रहे के नारे लगते रहे। युवा तिरंगा लहराते हुए भारत के लाल को अंतिम विदाई देते हुए अंतिम यात्रा में शामिल रहे।
शहीद की अंतिम यात्रा गगनभेदी नारों के साथ शहर के काली नदी स्थित श्मशान घाट पहुंची, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद अंकित बालियान की अंतिम यात्रा के दौरान सभी पार्टियों के नेता गण व समाजसेवी उपस्थित रहे।
~ सलाउद्दीन अब्बासी
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