उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार जब साढ़े चार साल की उपलब्धियां गिना रही थी, तभी लखीमपुर खीरी में किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक टकराव हो गया। इस टकराव में 8 लोगों की जान चली गयी, पुलिस के वाहन जलाए गये और धरना-प्रदर्शन के दौरान जनता को भीषण जाम का सामना करना पड़ा। शर्मनाक स्थिति तो यह पैदा हुई कि किसानों की समस्या को पीछे कर दिया गया और विपक्षी दलों मंे होड़ मच गयी कि लखीमपुर के उन किसानों का सच्चा हमदर्द कौन है? अभी तक का सिनेरियो तो यही बता रहा है कि अखिलेश यादव और मायावती से आगे कांग्रेस की प्रियंका वाड्रा निकल गयीं।
प्रियंका दिल्ली से तड़के रवाना हुई थीं और सुबह 5 बजे उन्हें गिरफ्तार किया गया। किसानों से हमदर्दी जताते समय धरना-प्रदर्शन करते अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, शिवपाल यादव और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह समेत कई नेता हिरासत में लिये गये। किसान नेताओं का आरोप है कि केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने किसानों पर गाड़ी चढ़ाई, जिससे चार किसानों की मौत हो गयी और कई किसान घायल हुए। भाजपा नेताओं का कहना है कि अजय मिश्र उस समय वहां था ही नहीं। बहरहाल, इस दुखद घटना में स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप, शुभम मिश्र पुत्र विजय कुमार मिश्र (शिवपुरी के भाजपा नेता), अजय मिश्र का ड्राइवर हरि ओम मिश्र और भाजपा कार्यकर्ता श्याम सुंदर समेत चार किसान दलजीत सिंह, गुरबिंदर सिंह, लवप्रीत सिंह और छत्र सिंह की मौत हुई है। घटना की न्यायिक जांच होगी।
यूपी के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर की शाम किसानों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समर्थकों के बीच हुए हिंसक झड़प हो गयी। पुलिस ने हिंसा के बाद वायरल वीडियो से 24 लोगों की शिनाख्त की है। साथ ही पुलिस सात लोगों को हिरासत में लिया था। इससे पहले पूरे मामले में पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली थी। लखीमपुर जिला प्रशासन और किसानों के बीच बैठकों का दौर चला। किसानों की मांग थी कि अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाया जाए। उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तार किया जाए। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इस बीच मामले को लेकर लखीमपुर खीरी से लेकर लखनऊ तक बवाल मचा गया और जमकर सियासत हुई। पुलिस ने लखीमपुर जाने की जिद पर अड़े अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव, संजय सिंह समेत तमाम नेताओं को हिरासत में लिया। विपक्ष का आरोप था कि उसे पीड़ितों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। उधर विपक्ष के रवैये पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सियासत कर रहा है। इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। खुद मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया है। बिना जांच के किसी भी नतीजे पर पहुंचना उचित नहीं है। मामले में जो भी दोषी होगा उसे सख्त से सख्त अजा दी जाएगी।
बहरहाल, लखीमपुर खीरी में किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक टकराव में 8 लोगों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में बवाल मच गया है। सियासी उबाल के बीच लखनऊ में धरने पर बैठे सपा प्रमुख अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उधर, पुलिस को चकमा देकर लखीमपुर निकले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को इंजीनियरिंग कॉलेज के पास प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी हिरासत में लिये गए। शिवपाल यादव ने सभी जिला अध्यक्षों से जिला मुख्यालय पर धरना देने और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने का निर्देश दिया। अखिलेश जहां धरना दे रहे थे, वहीं पुलिस की गाड़ी जली।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा गाड़ी थाने के सामने जली है, तो पुलिस ने ही आग लगाई होगी। ताकि आंदोलन को कमजोर किया जा सके। अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी जाने पर अड़े थे। वहीं अखिलेश यादव को हिरासत में लिए जाने के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में आंदोलन की घोषणा की। सोमवार को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन के जरिए समाजवादी पार्टी ज्ञापन सौंपेंगी। ज्ञापन में प्रत्येक मृतक परिवार को दो करोड़ की आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी की मांग की, साथ ही गृह राज्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग और दोषियों को 302 के तहत तत्काल जेल भेजने की मांग की, लखनऊ के गौतमपल्ली में अराजकतत्वों ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। आनन-फानन आग पर काबू पाने की कोशिश की गई। सभी विपक्षी पार्टियों के नेता कल रात से लखीमपुर खीरी पहुंचने की कोशिश कर रहे। हालांकि कोई कामयाब नहीं हो सका।
लखीमपुर खीरी जा रही प्रियंका गांधी को पुलिस ने सुबह 5 बजे सीतापुर में हिरासत में लिया। इस दौरान पुलिस और प्रियंका के बीच लम्बी कहासुनी भी हुई। प्रियंका ने पुलिस पर जबरन घसीटने के आरोप भी लगाए और कहा पुलिस को यह सीखना होगा कि महिला से बात कैसे की जाती है। बहरहाल, लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान सभी मृतकों के आश्रितों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मृतकों के परिवार से एक सदस्य को नौकरी भी मिलेगी। घटना की न्यायिक जांच करायी जाएगी।
~अशोक त्रिपाठी
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