नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर कृषि की अत्यधिक निर्भरता को समाप्त कर मामूली खर्च वाली प्राकृतिक खेती को देश को जन आन्दोलन बनाने का आह्वान किया है ।
नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के आणंद में तीन दिन के प्राकृतिक कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे दिन किसानों के सम्मेलन को आनलाइन सम्बोधित करते हुए गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को जन आन्दोलन बनायें तथा जिले में कम से कम एक गांव को प्राकृतिक खेती से जोड़ें । गुजरात में यह जन आन्दोलन बन गया है और हिमाचल प्रदेश में भी इसका आकर्षण बढ रहा है ।
Addressing the National Conclave on #NaturalFarming. https://t.co/movK2DPtfb
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2021
उन्होंने कहा कि विश्व में खाद्य सुरक्षा के लिए प्राकृतिक खेती का आज बेहतर समन्वय करने तथा रासायनिक खाद और कीटनाशक मुक्त कृषि का संकल्प लेने की जरुरत है । उन्होंने कहा कि भारत में जैविक और प्राकृतिक खेती के उत्पादों के प्रसंस्करण में निवेश की अपार संभावना हैं तथा विश्व बाजार ऐसे उत्पादों का इंतजार कर रहा है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षाे में हजारों किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है और अनेक र्स्टट अप भी इस क्षेत्र में आ गये हैं । किसानों को बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण और मदद दी जा रही है । उन्होंने कहा कि आज खेती को केमिकल लैब से प्रकृति की प्रयोगशाला से जोड़ने की जरुरत है । प्राकृतिक खेती विज्ञान आधारित है और इससे जमीन की उर्वराशक्ति बढती है ।
नरेन्द्र मोदी ने खेती के संबंध में प्राचीन ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के फ्रेम में डालने की जरुरत पर बल देते हुए कहा कि इससे जुड़े ज्ञान को शोध या सिद्धांत तक सीमित रखने की जरुरत नहीं है । ऐसी जानकारी को प्रयोग में लाने की आवश्यकता है ।
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