- कांग्रेस में ‘चेहरे’ के सवाल पर महाघमासान
- हरदा को चाहिए चेहरा, इंदिरा ने कहा, नही है परंपरा
- प्रभारी का बयान ही पार्टी का मतः धस्माना
- एक दिन में दो बार सोशल मीडिया पर प्रकट हुए हरीश
शाह टाइम्स संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस में चेहरे को लेकर महाघमासान शुरू हो गया है। कांग्रेसी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सीएम हरीश रावत के चेहरा तय करने के बयान पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने पार्टी में चुनाव से पहले चेहरा तय करने की परंपरा नही है, तो पार्टी का कहना है कि प्रेदश प्रभारी का बयान ही पार्टी का मत है, वही इंदिरा हृदयेश के बयान के बाद हरीश रावत ने फिर कहा कि ऐसा सब राज्यों में नहीं हुआ है, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, केरल व दिल्ली और कई राज्यों में हमने स्पष्ट चेहरा घोषित किया है।
2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। हरीश ने सोमवार को दस घंटे के अंतराल में दो बार फेसबुक के माध्यम से सामने आकर चुनाव से पूर्व कांग्रेस का चेहरा घोषित करने की मांग उठाई है। सुबह और शाम को दिए अपने बयानों में इन्होंने स्पष्ट रूप से कांग्रेस का चेहरा घोषित करने की मांग की है ताकि जनता में कोई भ्रम न रहे। वहीं जिस तेजी से आज हरिश सक्रिय रहे उसे लेकर जानकारों का मानना है की 2022 के लिए चेहरे पर बयान देकर उन्होंने पार्टी के अंदर अपने प्रतिद्वंदियों को तो पूरी तरह से दबाव में ले ही लिया है साथ ही आलाकमान तक भी बात पहुँचाने की कोशिश की है कि उत्तराखंड में उनके अलावा दूसरा कोई नहीं है।
हरीश रावत ने कहा कि चुनाव के वक्त कोई असमंजस न रहे, एक नाम को आगे कर हम सब उसके साथ चलें, इस भावना से दिये गये मेरे ट्वीट को लेकर कुछ दोस्त यह कह सकते हैं कि हमारी परंपरा चुनाव के बाद नेता तय करने की रही है, ऐसा सब राज्यों में नहीं हुआ है, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, केरल व दिल्ली और कई राज्यों में हमने स्पष्ट चेहरा घोषित किया और चुनाव लड़े, अधिकांश स्थानों पर अच्छे रिजल्ट रहे और फिर परंपरा हमारी बनाई हुई है, स्थितियों को देखकर आप बदलाव ला सकते हैं और लाना चाहिये। भाजपा ने चुनाव को एक राजनैतिक घटना के स्थान पर राजनैतिक महायुद्ध में बदल दिया है, इसलिये कमांड लाइन बिल्कुल स्पष्ट होनी आवश्यक हो गई है और उत्तराखंड में इस समय भाजपा के विरोध में हमें अपना चेहरा घोषित करना आवश्यक है, ताकि मतदाता तद्नुसार अपना मन बना सकें।
सुबह यह दिया था बयान
‘ देवेंद्र यादव जी, आपके बयान ने मेरा मान बढ़ाया। हरीश रावत ही क्यों! प्रत्येक नेता व कार्यकर्ता के बिना 2022 की लड़ाई अधूरी है, पार्टी को बिना लाग लपेट के 2022 के चुनावी रण का सेनापति घोषित कर देना चाहिये, पार्टी को यह भी स्पष्ट कर देना चाहिये कि कांग्रेस की विजयी की स्थिति में वही व्यक्ति प्रदेश का मुख्यमंत्री भी होगा। उत्तराखंड, वैचारिक रूप से परिपक्व राज्य है। लोग जानते हैं, राज्य के विकास में मुख्यमंत्री की क्षमता व नीतियों का बहुत बड़ा योगदान रहता है। हम चुनाव में यदि अस्पष्ट स्थिति के साथ जायेंगे तो यह पार्टी के हित में नहीं होगा, इस समय अनावश्यक कयास बाजियों तथा मेरा-तेरा के चक्कर में कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है एवं कार्यकर्ताओं के स्तर पर भी गुटबाजी पहुँच रही है। मुझको लेकर पार्टी को कोई असमंझस नहीं होना चाहिये, पार्टी जिसे भी सेनापति घोषित कर देगी मैं उसके पीछे खड़ा रहूँगा। राज्य में कांग्रेस को विशालतम अनुभवि व अति ऊर्जावान लोगों की सेवाएं उपलब्ध हैं, उनमें से एक नाम की घोषणा करिये व हमें आगे ले चलिये।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहींः इंदिरा
हल्द्वानी। उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। हर कोई अपनी-अपनी तरह जनता को भरोसे में लेने में लगा है. मगर, इन सबके बीच भी कांग्रेस अपनी आंतरिक राजनीति में उलझी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी को ट्वीट करते हुए लिखा कि राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा
घोषित करना चाहिए। जिसके ठीक उलट कुछ घंटे बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का बयान आया है। उन्होंने कहा कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा आज तक जितने भी चुनाव हुए हैं, प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में लड़े गए हैं। फिर बहुमत साबित होने के बाद पार्टी किसी एक नेता को सत्ता की जिम्मेदारी देती है। यही नहीं इंदिरा ने कहा कि हरीश रावत को यह भी पता है कि जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब ऐसा ही हुआ था। हरीश रावत की मांग और इंदिरा हृदयेश के बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एक बार फिर कांग्रेसी अपने आंतरिक मसलों में उलझ गई है।
प्रभारी का बयान ही पार्टी का मतः धस्माना
देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस में चेहरे को लेकर कई तरह के बयान सामने आए है। हरीश रावत के चेहरा तय करने के बयान पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने पार्टी में चुनाव से पहले चेहरा तय करने की परंपरा नही है, तो पार्टी का कहना है कि प्रेदश प्रभारी का बयान ही पार्टी का मत है। प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रदेश प्रभारी ने चेहरे के सवाल पर साफ कर दिया है कि चुनाव सब के साथ मिल कर लडा जाएगा। पार्टी प्रभारी का बयान पार्टी हाईकमान का बयान है।
Leave a Reply