- नई तकनीकों से होगी कुंभ मेले की सुरक्षाः डीजीपी
- कुम्भ क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे-ड्रोन कैमरों से होगी निगरानी
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का भी होगा उपयोग
- मेले में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल भी होगी स्थापित
- यूपी, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, राजस्थान, चण्डीगढ़ व जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने बैठक मे की शिरकत
शाह टाइम्स संवाददाता
देहरादून। कुम्भ मेला-2021 की व्यवस्थाओं को लेकर अन्तर्राज्यीय बैठक का आयोजन पुलिस मुख्यालय के सभागार में शुक्रवार को किया गया। बैठक में उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, चण्डीगढ़, जम्मू-कश्मीर, एनआईए, रेलवे सुरक्षा बल, आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का संचालन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिसूचना निवेदिता कुकरेती ने किया।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने कहा कि बैठक का उद्देश्य कुम्भ मेले के दौरान सभी सीमावर्ती प्रदेशों उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, चण्डीगढ़, जम्मू-कश्मीर व अन्य एजेन्सियों के पारस्परिक सहयोग से कुम्भ मेले को सकुशल सम्पन्न कराना है। कुम्भ मेले के दौरान समस्त शाही स्नानों को सकुशल संचालन के लिए सभी के समन्वय तालमेल की आश्यकता होगी। उन्होंने सभी अधिकारियों से अभी से कुम्भ मेले के लिए पुलिस प्रबन्ध किये जाने की तैयारियों में लगने की अपेक्षा की। इस बार पुलिस भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए कई नई तकनीकों को शामिल कर रही है तथा सम्पूर्ण कुम्भ क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरों से सतर्क दृष्टि रखने के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का भी उपयोग किया जाएगा। पिछले कुंभ मेले के मुकाबले 2021 में आयोजित हो रहे कुंभ मेले में सोशल मीडिया का उपयोग बड़े पैमाने पर होगा। ऐसे में संप्रदायिक और आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट पर लगाम लगाने के लिए मेले में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल स्थापित होगी।
बैठक के पहले चरण में पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ संजय गुंज्याल एवं पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना एवं सुरक्षा, उत्तराखण्ड एपी अंशुमान ने कुम्भ मेले के दौरान शाही स्नानों एवं अन्य स्नानों में किए जाने वाली पुलिस व्यवस्थाओं, यातायात प्रबन्धन, भीड़ नियन्त्रण, पार्किंग, यातायात प्लान पर किये जाने वाले पुलिस प्रबन्धन, पूर्व में घटित हुए दुर्घटनाओं आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण किया। कुंभ मेले में भीड़ नियंत्रण पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। शाही स्नानों एवं प्रमुख स्नानों के दौरान भीड़ प्रबन्धन हेतु ट्रैफिक प्लान, ट्रैफिक डायवर्जन आदि महत्वपूर्ण सूचनाओं का सीमावर्ती प्रदेशों से अपने-अपने जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया।
शाही स्नानों के दिन वीआईपी मूवमेन्ट पर रहेगी रोक
देहरादून। उत्तराखंड के पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में इन मुद्दों पर सहमति बनी है। जिसमे शाही स्नानों के दिन वीआईपी मूवमेन्ट पर रोक रहेगी। वीआईपी यदि आना चाहते हैं तो वे एक साधारण श्रद्धालु की भांति ही आ सकते हैं। सात ही राज्यों व एजेंसियां पहले की तरह घटनाओं एवं कुम्भ के दौरान घटित घटनाओं, राष्ट्र विरोधी तत्वों के सम्बन्ध में अभिसूचना साझा की और भविष्य में भी अभिसूचना का आदान-प्रदान व्हाट्सएप एवं अन्य माध्यमों से करने का निर्णय लिया गया। ट्रैफिक डायवर्जन में सीमावर्ती राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सभी सीमावर्ती राज्यों के नोडल अधिकारियों में समन्वय एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा। प्रमुख स्नान वाले दिनों में यातायात का दबाव अधिक होने पर उत्तर प्रदेश की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और डायवर्जन शुरू किया जाएगा। इसके साथ 12 ऐसे ही मुद्दों पर चर्चा व सहमति बनी।
इन अधिकारियों ने लिया भाग
देहरादून। कुम्भ मेले को लेकर हुई बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी हरियाणा आलोक मित्तल, अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन उत्तर प्रदेश राजीव सभरवाल, अपर पुलिस महानिदेशक, सीआईडी-पीएसी पीवीके प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक पी-एम अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना राजस्थान रूपिन्दर सिंह, पुलिस महानिरीक्षक हिमाचल दिलजीत ठाकुर, एडीआरएम उत्तर रेलवे मुरादाबाद एनएन सिंह, एसीपी दिल्ली पुलिस रविकान्त, पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तर प्रदेश कुल्दीप नारायण सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
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