- बर्ड फ्लू: दस्तक से पहले ही दहशत
- ऋषिकेश के पशु चिकित्सालय को मुख्यालय से निर्देश जारी
- क्षेत्र में एहतियात के तौर पर लिए जाएंगे मीट की दुकानों से सेंपल
शाह टाइम्स संवाददाता
ऋषिकेश। बर्ड फ्लू की दस्तक ने देश में संक्रमण का नया दौर शुरू कर दिया है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य अभी इससे अछूता है, लेकिन समीपवर्ती प्रदेशों में संक्रमण पहुंचने से स्थानीय लोग भी दहशत में नजर आ रहे हैं। मीट का सेवन करने वालों में खौफ है, तो इससे जुड़े कारोबारियों के चेहरे पर मायूसी भी दिख रही हैं।
दरअसल, ऋषिकेश के पशु चिकित्सालय को मुख्यालय से इस महामारी के बाबत सावधानी और निगरानी के निर्देश मिले हैं। लिहाजा, अब स्थानीय पशु चिकित्सक भी मुख्यालय के इस निर्देश का पालन करते हुए जल्द ही क्षेत्र में मीट की दुकानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई शुरू करने जा रहे हैं। हालांकि, इसके लिए अभी कोई तारीख मुकर्रर नहीं की गई है, मगर एहतियात के तौर पर जल्दी नगर क्षेत्र की दुकानों से विभागीय चिकित्सकों की टीम सैंपल कलेक्ट कर सकती है।
पशु चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश रतूड़ी के मुताबिक फिलहाल क्षेत्र में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है मुख्यालय से निगरानी के साथ ही बर्ड फ्लू के संक्रमण से संबंधित कोई भी केस मिलने पर तत्काल अवगत कराने के लिए कहा गया है। ताकि उसे बढ़ने से पहले ही रोका जा सके।
क्या है बर्ड फ्लू
पशु चिकित्सकों के मुताबिक इसे मेडिकली एवियन इन्फ्लूएंजा कहा जाता है। एक संक्रामक बीमारी है। यह रोग एक पक्षी से दूसरे पक्षी या जानवर तक फैल सकता है इसकी वजह से हर साल दुनिया भर में कई पक्षियों की मौत हो जाती है यह रोग जानलेवा भी हो सकता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
-खांसी
-जुकाम
-थकान
-मांसपेशी में दर्द
-गले में सूजन
-दस्त होना
-सांस में दिक्कत
इंसान के लिए कितना है खतरा
ऋषिकेश। यह ब्लू का सबसे खतरनाक भ्5छ1 स्ट्रेन है। पक्षियों के साथ ही इंसानों को भी प्रभावित करता है। अगर यह वाला स्ट्रेन पक्षियों में पाया जाता है, तो यह इंसान को भी अपनी चपेट में ले सकता है और समय पर इलाज नहीं होने पर जान जाने का भी खतरा है। पक्षियों के संपर्क में आने से यह फैलता है। यह वायरस आमतौर पर सर्दी के मौसम में फैलता है, जब विदेशी पक्षी भारत में आते हैं। माइग्रेटेड पक्षियों के जरिए भारतीय पक्षियों में वायरस आता है और फिर यहां पर फैल जाता है।
अधिकतर वाइल्डलाइफ पक्षी और पोल्ट्री पक्षियों में यह बीमारी पाई जाती है। पोल्ट्री पक्षियों बत्तख और चिकन में यह बीमारी देखी जाती है। जब कोई पक्षी इस फ्लू से प्रभावित होता है और इंसान उसके यूरिन और स्टूल के संपर्क में जाता है, तो उससे यह वायरस इंसान तक पहुंच जाता है।क्योंकि, यह एक संक्रामक रोग हैं। इसलिए अगर इन दिनों कहीं पर अपने आप कोई पक्षी मारा हुआ दिखे, तो उससे दूर रहें। उसे छुए उससे संक्रमण का खतरा हो सकता है।
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