चंडीगढ़ । कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में बड़ी खबर है। नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के प्रेसिडेंट पद से इस्तीफा दे दिया है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है कि वह पंजाब के भविष्य और राज्य के कल्याणकारी अजेंडे से समझौता नहीं कर सकते। सिद्धू ने इस्तीफे में यह भी लिखा है कि वह कांग्रेस के लिए काम करना जारी रखेंगे।
नवजोत सिंह सिद्धू ने तीन माह पहले ही पंजाब में पार्टी की कमान संभाली थी। सिद्धू से पहले सुनील जाखड़ प्रदेश प्रधान थे। बताया जाता है कि प्रियंका गांधी सिद्धू को मनाने का कोशिश करेंगी।
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का भी कहना है कि वह सिद्धू के साथ बैठ कर बात करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर मेरे से कोई नाराजगी होगी तो वह सैटल हो जाएगा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ''मैंने पहले ही कहा था कि सिद्धू स्थिर आदमी नहीं हैं। वह सीमावर्ती राज्य के लिए फिट नहीं हैं।''
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे की जबान बता रही है कि वह कहीं न कहीं ग़ैर मुतमइन हैं।
इत्तेफाकी तौर से नवजोत सिंह सिद्धू ने उसी दिन इस्तीफा दिया जिस दिन कैप्टन अमरिंदर सिंह सीएम पद छिनने के बाद पहली बार दिल्ली दौरे पर हैं। आखिर सब कुछ नवजोत सिंह सिद्धू के मन मुताबिक ही हो रहा था तो नवजोत सिंह सिद्धू किस तरह के समझौते की बात कर रहे हैं जिसे वह नहीं करना चाहते?
नवजोत सिंह सिद्धू की जिद पर कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे दिग्गज की एक झटके में मुख्यमंत्री पद से छुट्टी हो गई। उन्हीं के कैंप के चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बने। चहेतों को मंत्री पद मिला। नए मुख्यमंत्री का किसी अभिभावक की तरह हाथ पकड़े उनकी तस्वीरें भी चर्चित हुईं। इन सबके बीच सिद्धू का इस्तीफा अप्रत्याशित तो है ही,अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए झटका भी है।
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