अयोध्या: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की सर्किट हाउस में हुई। दूसरी बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, कामेश्वर चौपाल, नृत्यगोपाल दास, गोविंद देव गिरी महाराज और दिनेंद्र दास समेत दूसरे ट्रस्टी सर्किट हाउस में मौजूद रहे|बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के साथ ट्रस्ट के 12 सदस्य मौजूद थे, जबकि तीन सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर थे।
विश्व हिंदू परिषद और श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सूत्रों के मुताबिक द्वितीया सह तृतीया तिथि अपने आप में सर्वार्थ सिद्धि योग वाली है. इसलिए प्रधानमंत्री इस दिन अयोध्या आ सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले भी न्यास के अध्यक्ष और श्री मणिराम जी की छावनी के श्रीमहंत नृत्यगोपालदास ने पत्र लिख कर श्रावणी पूर्णिमा और भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वितीया की दोनों तिथियों के मंगल मुहूर्त का ब्योरा और न्योता दोनों भेजे थे.
शनिवार को अयोध्या में हुई न्यास की बैठक में ये तय हो गया कि इन दोनों मुहूर्त में जब भी प्रधानमंत्री की अयोध्या यात्रा के अनुकूल समय हो, भूमिपूजन सम्पन्न करा लिया जाए. इस मुहूर्त की बाबत वृंदावन बांके बिहारी जी के सेवायत और ज्योतिष के विद्वान केडी गुरुजी ने बताया कि भाद्रपद इस मायने में भी मासोत्तम है क्योंकि लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण और जगत की आह्लादकारी शक्ति राधा का प्राकट्य भी इसी महीने हुआ. वैसे भी ज्योतिष में चंद्रमा की स्थिति से मुहूर्त तय होते हैं. श्री रामलला के नाम से ग्रहगुण विशिष्टता के साथ सम्मुख चंद्रमा की स्थिति और सर्वार्थ सिद्धियोग सर्वोत्कृष्ट होता है. ऐसे मांगलिक योग में मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हो जाए यही सर्वश्रेष्ठ है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सर्किट हाउस से बाहर निकलकर बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया,''समाज के 10 करोड़ परिवारों से धनसंग्रह करने की चर्चा आज निकली है, इनसे सम्पर्क किया जाएगा। जब धनसंग्रह और बाकी की ड्राइंग पूरी हो जाएंगी, उसके बाद 3 से 3.5 साल में मंदिर के निर्माण का काम पूरा कर दिया जाएगा|हमारा स्पष्ट मत है कि समाज जितना धन देगा उतना धन मंदिर निर्माण में खर्च होगा, आज हम गणित नहीं लगा सकते, धार्मिक कार्यों में ऐसा करना भी नहीं चाहिए, भगवान के काम में पैसे की कमी नहीं आएगी|लार्सेन एंड ट्यूब्रो कंपनी मिट्टी परीक्षण के लिए नमूने एकत्र कर रहा है। मंदिर की नींव का निर्माण मिट्टी की ताकत के आधार पर 60 मीटर नीचे किया जाएगा। ड्राइंग के आधार पर नींव बिछाने का काम शुरू हो जाएगा| आज यह निर्णय लिया गया कि ईंटें सोमपुरा मार्बल्स ईंटों द्वारा प्रदान की जाएंगी। लार्सेन एंड ट्यूब्रो अपना काम करेंगे और ईंटों से संबंधित काम सोमपुरा मार्बल्स द्वारा किया जाएगा। दोनों मिलकर एक भव्य मंदिर का निर्माण करेंगे|राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के कामेश्वर चौपाल ने बताया,'आज बैठक में राम मंदिर के निर्माण कार्य का शुभारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री जी को 2 तिथियों का सुझाव भेजा गया है- 3 अगस्त और 5 अगस्त, इनमें से जो सुविधाजनक लगेगी उस तिथि को शुभारंभ हो जाएगा|
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