NCP एक्शन के मूड में, EC से अजित पवार सहित 9 एमएलए को अयोग्य करने की मांग

शरद पवार ने बगावत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह राकांपा में नया नेतृत्व तैयार करेंगे

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से बागी हुए अजित पवार (Ajit Pawar) पर अब शरद पवार (Sharad Pawar) एक्शन लेने के मूड में आ गए हैं। एनसीपी ने बागी अजित पवार (Ajit Pawar) और 8 अन्य विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) को लेटर भेजा है। इसी के साथ चुनाव आयोग को एक ई-मेल भी भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि एनसीपी की बागडोर इस वक्त पार्टी प्रमुख शरद पवार (sarad Pawar) के हाथ में ही है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है।

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इतवार देर रात एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा कि अयोग्यता याचिका विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) को भेज दी गई है. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को भी एक ई-मेल भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि राकांपा के नेता और कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं।

शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित पार्टी को रविवार दोपहर उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा, जब उनके भतीजे अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा (Shiv Sena-BJP) सरकार में शामिल हो गए. अजित पवार के अलावा पार्टी के अन्य 8 विधायक भी सरकार में मंत्री बनाए गए हैं. इनमें शरद पवार के वफादार कहलाने वाले छगन भुजबल और दिलीप वालसे पाटिल भी शामिल हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए रविवार को कहा कि वह राकांपा में नया नेतृत्व तैयार करेंगे और जब पार्टी में इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं, जो उन्हें काम करने के लिए ज्यादा ऊर्जा मिलती है. पवार ने यह भी कहा कि वह भविष्य के लिए भी पार्टी का चेहरा हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए शिंदे सरकार का हिस्सा बनने वाले विधायकों की आलोचना करते हुए पवार ने कहा कि वह यह नहीं समझ पाए कि (2019 के विधानसभा चुनावों के बाद पिछले चार वर्षों में क्या बदलाव हुआ. उन्होंने कहा, ‘चार साल पहले, जब हम चुनाव लड़ रहे थे, तब हमारा निशाना पीएम मोदी थे और हम पीएम मोदी का निशाना थे. अब, चार साल तक (उनका) विरोध करने के बाद, आज अचानक क्या हो गया? असली बात यह है कि वे जाना चाहते थे, क्योंकि उन्हें सत्ता की जरूरत थी।

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