बांदा,(Shah Times) । मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है. मुख्तार अंसारी बांदा मेडिकल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों की एक बड़ी टीम निगरानी कर रही थी, मुख्तार अंसारी बांदा मेडिकल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
इसी दरमियान, मऊ और गाजीपुर और बांदा में सिक्यॉरिटी बढ़ाई गई है. बड़ी तादाद में पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है. डीजीपी हेड क्वार्टर ने सतर्कता बरतने के निर्दश दिए हैं. माफिया मुख्तार की बिगड़ी तबीयत बिगड़ने पर उसके परिवार के सदस्य बांदा के लिए रवाना हुए।
इधर, मुहम्मदाबाद मे मुख्तार के पुश्तैनी घर मे लोगों का इकट्ठा होना शुरू हो गया है. मुख्तार के घर के आसपास पुलिस फोर्स तैनात की गई है.गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ पुलिस को हाई अलर्ट पर रहने का हुक्म दिया गया हैं।
सोशल मीडिया में अफवाह, भड़काऊ, या आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्यवाई के निर्देश दिए गए हैं. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है।
मुख्तार अंसारी नाम के साथ भले ही तारीख के पन्नों में माफिया जाएगा, लेकिन उनके परिवार का नाम हमेशा इतिहास के पन्नों में अदब से लिखा रहेगा. उनके खानदान से गवर्नर और मुल्क के वाइस प्रेसिडेंट रहे हैं. गाजीपुर जिले में ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के कई जिलों में मुख्तार अंसारी के खानदान का एहतराम है।
मुख्तार अंसारी एक ऐसे खानदान का हिस्सा हैं जिन्होंने मुल्क के तहरीक ए आजादी में अहम किरदार अदा किया । दादा मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. वो देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे. 1930 में जब गांधी जी ने नमक पर कर लगाए जाने के विरोध में सत्याग्रह किया था. गाजीपुर का जिला अस्पताल उन्हीं के नाम पर है. इसके अलावा वे देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. वे 1928 से 1936 तक इसके चांसलर भी रहे. उन्होंने मद्रास से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी और यूके से एमएस और एमडी की डिग्री हासिल की थी।
आज भी दिल्ली में उनके नाम पर एक मशहूर इलाके की सड़क का नाम अंसारी रोड के नाम से मशहूर है।
भारत को मोहम्मद हामिद अंसारी की शक्ल में उप राष्ट्रपति दिया गया है। ‘शौकत उल्लाह अंसारी के शक्ल में ओडिशा को एक गवर्नर और आसिफ अंसारी के शक्ल में इलाहाबाद सुप्रीम कोर्ट को एक जज दिया गया है।