त्रिपुरा में मिले 800 से ज्यादा छात्र HIV एड्स से संक्रमित

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त्रिपुरा स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने अभी तक सिर्फ 828 HIV स्टूडेंट का नाम रजिस्टर किया है।

New Delhi, (Shah Times)। त्रिपुरा से हेल्थ को लेकर एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस राज्य में 828 छात्र HIV पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया।अभी पॉजिटिव छात्रों में से 47 की मौत भी हो गई है बाकी 572 छात्र अभी भी जीवित है। चौंकाने वाली बात तो ये है जो छात्र जीवित है वो कई नामी इंस्टीट्यूट में पढ़ाई कर रहे हैं।

त्रिपुरा स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने अभी तक सिर्फ 828 HIV स्टूडेंट का नाम रजिस्टर किया है।
त्रिपुरा एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने जानकारी देते हुए बताया की कॉलेज और स्कूलों के छात्रों में इस बीमारी के फैलने का कारण स्टूडेंटस द्वारा इंजेक्शन से नशीली दवाओं का सेवन करना है। प्रभावित छात्र नशीली दवाओं के दुरुपयोग के आदी पाए गए हैं। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर HIV से पीड़ित होने वाले छात्रों की इतनी बड़ी संख्या का ध्यान इस बीमारी के लक्षणों को पहचानने पर क्यों नहीं गया।

HIV फैलने के कारण

आपकों बता दें कि HIV एड्स एक ग्लोबल हेल्थ इशू बना हुआ है जिसके फैलने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। जैसे, नशीली दवाओं का सेवन करने वाले लोगों द्वारा Needle का साझा करना इसका एक पहला तरीका है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक सेक्स से पहले शराब पीना, असुरक्षित यौन संपर्क बनाने से एचआईवी संक्रमित होने का खतरा बना रहता हैं। नसों में नशीली दवाओं का उपयोग और एचआईवी से संक्रमित सिरिंज की सुइयों को साझा करना HIV संक्रमण का प्रमुख कारण हैं।

HIV के लक्षण

एचआईवी एड्स के लक्षण दो से चार हफ्ते में नजर आने लगते हैं। जिसमें शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, दाने या गले में खराश जैसी समस्याएं, तेजी से वजन कम होना, दस्‍त, खांसी, लिम्फ नोड्स में सूजन जैसी परेशानी होने लगती हैं।

भारत में एचआईवी का पहला मामला

एचआईवी का पता 1981 में ही चल गया था मगर भारत में HIV का पहला मामला साल 1986 में सामने आया था। उस समय चेन्नई की कुछ सेक्स वर्कर्स में इसकी पुष्टि हुई थी। उस समय तक ये संक्रमण दुनिया के कई देशों तक पहुंच चुका था। बता दें इस संक्रमण से भारत के लगभग 115 लोग हर साल जान गंवाते हैं।

कैसे कराए एचआईवी की जांच

HIV की जांच कराने और एचआईवी वायरस की मात्रा को मापने के लिए ब्लड टेस्ट कराया जाता है। वयस्कों, किशोरों,गर्भवती महिलाओं में इस बीमारी की जांच कराने के लिए के लिए HIV स्क्रीनिंग टेस्ट कराया जाता है। हालांकि इस टेस्ट के जोखिम ज्यादा होते है।

WHO के अनुसार, एड्स कोई बीमारी नहीं है लेकिन इसके होने पर इम्यूनिटी इतनी कमजोर हो जाती है कि बड़ी बीमारियों की चपेट में शरीर बड़ी ही आसानी से आ जाता है और फिर उससे उबर नहीं पाता है। एड्स, एचआईवी वायरस की वजह से होता है, जो असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित व्यक्ति के या प्रेगनेंसी में खून के जरिए या फिर डिलीवरी के दौरान संक्रमित मां से बच्चे तक फैल सकता है।

एचआईवी एड्स के बचाव

HIV दवाओं के जरिए इस बीमारी को रोका जा सकता है। दवाओं के जरिए इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाया जाता है।
HIV एड्स की बीमारी वजाइनल फ्लूड, ब्लड और ब्रेस्ट फीडिंग के जरिए फैलती है। आप इन स्थितियों में बचाव करें। शारीरिक संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करें, किसी के साथ इंजेक्शन को शेयर नहीं करें। एचआईवी से बचाव की दवा का लगातार सेवन करें।

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