हिंदू धर्म में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि से ठीक 16 दिन पहले पितृपक्ष के दिन शुरू हो जाते हैं। बताया जाता है कि यह 15 दिन हिंदू धर्म में मृत्युलोक जा चुके लोगों के होते हैं।
मुजफ्फरनगर (Shah Times) हिंदू धर्म में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि से ठीक 16 दिन पहले पितृपक्ष के दिन शुरू हो जाते हैं। बताया जाता है कि यह 15 दिन हिंदू धर्म में मृत्युलोक जा चुके लोगों के होते हैं। इन दोनों लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं और उन्हें याद कर उनका नमन करते हैं। दरअसल तर्पण और पिंडदान के जरिए उन्हें संतुष्ट करते हैं। श्राद्ध पक्ष 15 दिनों पूरी तरह से पितरों को ही समर्पित होते है। इसलिए इन दिनों नई वस्तुओं का उपभोग नहीं किया जाता।
पितृ पक्ष में क्यों नहीं खरीदना चाहिए नया सामान
हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष के दौरान नए सामानों का उपभोग नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यदि हम नए सामान का उपभोग करते हैं या नई वस्तुओं को खरीदते हैं तो हमारे पितरों को कष्ट होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इन दिनों नए सामान को खरीद कर उन्हें दान करना चाहिए इससे हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। हालांकि पितृ पक्ष के समाप्त होते ही अगले दिन शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती है ऐसे में क्या नवरात्रि की पूजा सामग्री सर्व पितृ अमावस्या पर ले सकते हैं। आइए जानते हैं।
पितृ अमवास्या के बाद शादीय नवरात्रि
बता दें कि पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। भादों की पूर्णिमा से 17 सितंबर से शुरू हुए पितृ पक्ष अब समापन की ओर हैं। 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या मनाई गई हैं। इस दिन पितर अपने लोक लौट जाएंगे, इसके अगले दिन 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है।
पितृपक्ष में नवरात्रि का सामान लेना शुभ होता है या अशुभ
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, जिसके लिए भक्तजन पहले से ही पूजा और कलश स्थापना की तैयारी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृ पक्ष में पूजा-पाठ बाधित नहीं होती है, ऐसे में नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से संबंधित सामग्री खरीद सकते हैं। बता दें कि इस साल नवरात्रि में घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर 2024 को सुबह 6 बजकर 24 से सुबह 8 बजकर 45 का है। ऐसे में नवरात्रि वाले ही दिन दुर्गा पूजन की तैयारी करना संभव नहीं होगा। इसके लिए आप पहले ही पूजन सामग्री इक्ट्ठा कर सकते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या पर कब सामान खरीदना चाहिए
सर्वा पितृ अमावस्या पर जो लोग अपने पर्वजों का तर्पण, पिंडदान कर रहे हैं वो श्राद्ध कर्म करने के बाद नवरात्रि पूजन की सामग्री खरीद सकते है। अमावस्या पितरों के श्राद्ध का आखिरी दिन होता है। श्राद्ध का अन्न-जल ग्रहण करने के बाद पितर अपने लोक लौट जाते हैं। इसके बाद आप नवरात्रि का सामान खरीद सकते हैं।