काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, भारत के असम राज्य में स्थित एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान दक्षिणी ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित है और असम के नागाओन और गोलाघाट जिलों क्षेत्र में फैला हुआ है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, भारत के असम राज्य में स्थित एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान दक्षिणी ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित है और असम के नागाओन और गोलाघाट जिलों क्षेत्र में फैला हुआ है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान वन्य जीवों के लिए एक महत्वपूर्ण संरक्षण स्थल है और इसे 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुआ।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1905 में हुई थी और इसे 1938 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में मान्यता प्राप्त हुआ। इसके बाद से, यह उद्यान भारतीय वन्य जीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान विश्व में बाघों की संख्या के लिए प्रसिद्ध है, जहां आपको वन्य बाघों की बड़ी संख्या देखने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, यह उद्यान एक महत्वपूर्ण घास के भूमि है और घास खाने वाले जीवों के लिए आदर्श स्थान प्रदान करता है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों की एक विस्तृत संख्या पाई जाती है, जिनमें सम्मिलित हैं भारतीय एकाशी गाय, बारासिंगा, होग दीर, गौर, हाथी, गैंडा, एकोर्न, बंगाली तालमट्टी, स्वर्ण मुखरध्वज, शील गाइड और भारतीय बाघ। यहां पर्यटकों को भी उन्हें देखने का अवसर मिलता है और इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता दी गई है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के अलावा, इसके पास ही गोलाघाट नेशनल पार्क भी स्थित है, जो एक और महत्वपूर्ण वन्यजीव धरोहर है। यह नेशनल पार्क असम के गोलाघाट जिले में स्थित है और विविध प्रकार के वन्यजीवों की खासतौर पर भारतीय रिहाइयों के लिए महत्वपूर्ण है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और उसके आसपास के क्षेत्र में संरक्षित क्षेत्रों के रूप में कई धरोहर स्थल हैं, जो एक अनुभवी और प्राकृतिक दर्शक के लिए पर्यटन स्थल के रूप में उपयोगी हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक सुंदर और जीवंत पर्यावरण प्रदान करता है और यह भारतीय वन्य जीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान देता है।
एक सींग वाला गेंडा (One-horned Rhino), जिसे वन्यजीव विज्ञान में राइनोसेरस नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख प्रजाति है जो काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है। इसे बारहसिंगा भी कहा जाता है, जो उसके एक मुख्य पहचान है।
यह गेंडा मांसाहारी होता है और विशेष रूप से घास और उच्च घासवार प्रदेशों में रहता है। इसका शरीर मजबूत होता है और उसे एक मजबूत सींग मिलती है, जिसका आकार लगभग 60 सेमी (2 फीट) तक हो सकता है। गेंडे की चमड़ी बड़ी, खड़ी और अपर्याप्त बालों वाली होती है।
एक सींग वाले गेंडे का वजन 1,800 से 2,700 किलोग्राम (4,000 से 6,000 पाउंड) तक हो सकता है और यह 2-3 मीटर (6-10 फीट) लंबा और 1.5-2 मीटर (5-6.5 फीट) ऊँचा हो सकता है। यह एक मजबूत सामरिक दिखावट और उच्च सुरक्षा वाले प्रजातियों में से एक है।
एक सींग वाला गेंडा विलुप्तिपूर्ण प्रजातियों की सूची में शामिल है और इसे अंतरराष्ट्रीय संरक्षण के तहत संरक्षित किया जाता है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और नेपाल के चितवान राष्ट्रीय उद्यान में सींग वाले गेंडे की प्रमुख आवास स्थलें हैं।