राष्ट्रीय लोकदल के नेता और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा धर्मांतरण विरोधी कानून में संशोधन का विरोध किया है।
उत्तर प्रदेश: शाह टाइम्स। राष्ट्रीय लोकदल के नेता और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा धर्मांतरण विरोधी कानून में संशोधन का विरोध किया है। बीते कुछ महीनों में यह दूसरा मौका है जब राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने योगी सरकार के फैसले का विरोध किया है। इससे पहले कांवड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट लगाने वाले फैसले का भी उन्होंने पुरजोर विरोध किया था।
धर्मांतरण रोधी कानून में संशोधन के संदर्भ में जयंत से सवाल किया गया कि इसके जरिए हिन्दू-मुस्लिम जोड़ों को परेशान किया जा सकता है। इस पर रालोद चीफ ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि नीति निर्माता के तौर पर हमें यह समझना चाहिए कि हर नीति का गलत असर हो सकता है। हमारा इरादा अच्छा हो लेकिन अगर यह प्रभावी नहीं हो तो काम बेकार है। आप जो कह रहे हैं वह वास्तव में चिंता का विषय है।
संविधान से जुड़े सवाल पर बोले जयंत
यह पूछे जाने पर इस इस कानून के तहत अंतरधार्मिक विवाह के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत है, रालोद नेता ने कहा कि मैं ऐसी नीति के पक्ष में नहीं हूँ। हम सभी को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है। हमें किसी भी धर्म का पालन न करने की भी स्वतंत्रता है। इसलिए, मुझे लगता है कि हमें लोगों को अधिक स्वतंत्रता देनी चाहिए।
संविधान से जुड़े एक सवाल पर जयंत चौधरी ने कहा कि अगर कोई 450 सीट भी पा जाए तो वह संविधान नहीं बदल सकता। संविधान एक जीवित दस्तावेज है। यह पत्थर नहीं है। संभव है कि संशोधन हों लेकिन पूरा संविधान कभी नहीं बदला जा सकता। जो भी ऐसा कहता है वह चाहे बीजेपी का सहयोगी दल हो या विपक्ष के नेता, यह गलत है।