जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मेवात दंगा पीड़ितों की हर संभव मदद के दिए निर्देश

मेवात दंगा पीड़ितों के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद की 11 सदस्यीय रिलीफ कमेटी एवं लीगल सेल गठित

दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी (Mahmood Asad Madani) ने जाब्ता की कार्रवाई को नजरअंदाज कर लोगों के मकान-दुकानें तोड़ने पर रोक लगाने के हाईकोर्ट (High Court) के फैसले को शोषित लोगों के लिए उम्मीद की किरण बताया है। मौलाना मदनी ने जमीयत उलेमा (Jamiat Ulama) के पदाधिकारियों को उत्पीड़न के शिकार विस्थापितों को हर संभव मदद देने का निर्देश दिया है। मौलाना मदनी (Maulana Madani) ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) का सौ साल का इतिहास है कि उसने देश के निर्माण और विध्वंसक गतिविधियों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई है। इस भूमिका के आलोक में मण्डली पहले की तरह आगे बढ़ेगी।

मौलाना मदनी (Maulana Madani) के निर्देश पर जमीयत उलेमा हरियाणा के प्रदेश एवं स्थानीय पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी (Maulana Hakimuddin Qasmi) की अध्यक्षता में मदरसा अबी बिन काब घासीदा में हुई। जिसमें राहत कार्य को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए 11 सदस्यीय राहत समिति का गठन किया गया। इसी प्रकार कानूनी कार्यवाही के लिए एक लीगल सेल की स्थापना की गई। फिलहाल वहां जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) की ओर से दंगों के दौरान हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे का काम चल रहा है।

इस बीच, जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) के तहत मौलवी जमील वाली मस्जिद सोहना और शाही जामा मस्जिद बूरा खंबा वाली सोहना की सफाई और मरम्मत का काम शुरू हो गया है। जो राहत समिति बनाई गई है उसमें मौलाना याहया करीमी संयोजक हैं जबकि मास्टर कासिम महोन, कारी असलम बैद, मुफ्ती सलीम सकरस, मौलाना दिलशाद, मौलाना हसन, हाफिज सुफियान, मौलाना अरशद, मौलाना साजिद पलवल, हाफिज अली मुहम्मद पलवल और कारी साजिद सदस्य के तौर पर शामिल हैं।

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) के एक प्रतिनिधिमंडल ने तावडू में रहने वाले असमिया मजदूर परिवारों को एक महीने का राशन वितरित किया। ये वो लोग हैं जिनके घर तोड़ दिए गए और ये लोग सरपंच अहमद अली की जमीन पर तंबू लगाकर रह रहे हैं। इसी तरह, जमीयत प्रतिनिधिमंडल (Jamiat delegation) ने फिरोजपुर झरना की झरना बस्ती का भी दौरा किया, जहां 150 घरों पर प्रशासन ने बेरहमी से बुलडोजर चला दिया है। इन घरों में रहने वाले लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।

अपनी यात्रा के दौरान, जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) प्रतिनिधिमंडल ने बिवान गांव का भी दौरा किया, जहां उन्होंने तब्लीगी जमात के वरिष्ठ सदस्य अब्दुल रज्जाक से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पलवल के बाजार में एक मस्जिद में रुकी हुई थी। जब उपद्रवियों ने मस्जिद के बाहर हंगामा शुरू किया तो मंडली के कई सदस्य छिपने के लिए छत पर चले गए, लेकिन वह और उनके दो अन्य साथी नीचे ही रह गए। उपद्रवी गेट तोड़कर मस्जिद में घुस गए और हम तीनों को बहुत बेरहमी से पीटा। जब पुलिस आई तो उसने हमें एक अज्ञात स्थान पर ले जाकर छोड़ दिया। अब्दुल रज्जाक के शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे। वह अब भी अल्लाह का शुक्रिया अदा कर रहे हैं कि उनकी कृपा से हम सभी बच गए।

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