जैन समाज ने पशुधन निर्यात विधेयक पर जताया विरोध, आन्दोलन की चेतावनी

अजमेर। राजस्थान (Rajasthan) में अजमेर स्थित सकल दिगम्बर जैन समाज और दिगम्बर जैन महासंघ की ओर से जिला प्रशासन को केन्द्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपकर ” पशुधन आयात- निर्यात विधेयक- 2023″ के विरोध में रोष प्रकट किया गया ।
अजमेर जैन समाज (Ajmer Jain Samaj) के प्रमोद सोनी तथा प्रकाश जैन ने बताया कि केन्द्र सरकार जीवित पशुधन को निर्जीव समझ कर उसके निर्यात का मार्ग खोलने के लिए विधेयक लाने जा रही है । जिसका अजमेर ही नहीं पूरे भारत का अहिंसक जैन समाज पुरजोर विरोध करता है ।

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केन्द्र में हिन्दुत्व की बात करने वाली मोदी सरकार (Modi Government) के होते पशुओं के अधिकार से हनन होने जा रहा है जो असहनीय है । जिस देश में पशुओं की सेवा की जाती है ,उन्हें पूजा जाता है। उनके साथ क्रूरता का रास्ता खोलना भारतीय संस्कृति और उसके मूल्यों के खिलाफ है ।

उन्होंने कहा कि जीवित गौमाता अथवा किसी भी पशुओं के निर्यात के बाद सरकार को राजस्व तो मिल जायेगा लेकिन हिन्दुओं की भावना का संरक्षण कैसे होगा। जैन धर्म ” जिओ और जिने दो ” का संदेश देता है , सभी 24 जैन तीर्थंकरो की मूर्तियों में पशु ही पहचान चिह्न है । जैन समाज पशुओं के साथ क्रूरता को बर्दाश्त नहीं करेगा । उन्होंने केंद्र सरकार से नोटिफिकेशन वापस लेने की मांग की है, नहीं तो देश में हिन्दुवादी संगठन (Hindu organization) एवं जैन समाज मिलकर आन्दोलन चलायेंगे ।

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