बॉलीवुड के ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर जो 10 अक्टूबर 2011 को दुनिया को अलविदा कह गए।
मुंबई, (शाह टाइम्स)। बॉलीवुड में जगजीत सिंह का नाम एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी गजल गायकी से करीब चार दशक तक श्रोताओं के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी।
8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे जगजीत सिंह का बचपन का नाम जगमोहन था, लेकिन पिता की सलाह पर उन्होंने अपना नाम बदलकर जगजीत सिंह रख लिया। जगजीत सिंह को बचपन से ही संगीत में रुचि थी। उन्होंने उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से संगीत की शिक्षा प्राप्त की। वर्ष 1965 में पार्श्व गायक बनने की चाहत लेकर जगजीत सिंह मुंबई आ गए।
शुरुआती दौर में जगजीत सिंह को विज्ञापन फिल्मों के लिए जिंगल गाने का मौका मिला। इसी दौरान उनकी मुलाकात पार्श्व गायिका चित्रा दत्ता से हुई। वर्ष 1969 में जगजीत सिंह ने चित्रा से विवाह कर लिया। इसके बाद जगजीत-चित्रा की जोड़ी ने कई एल्बमों में अपने जादुई पार्श्व गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
निजी एलबमों में पार्श्वगायन के अलावा जगजीत सिंह ने कई फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। वर्ष 2003 में जगजीत सिंह को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। अपनी गायकी से श्रोताओं के बीच अमिट छाप छोड़ने वाले जगजीत सिंह 10 अक्टूबर 2011 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
जगजीत सिंह द्वारा गाए गए सुपरहिट गानों की लंबी सूची में कुछ हैं, मेरे होठों को छू लो, मेरा गीत अमर कर दो, झुकी झुकी सी नजर, तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो, तुम्हें देखा तो मेरे मन में यह ख्याल आया, यह तेरा घर है, यह मेरा घर है, न चिट्ठी, न संदेश, होश में रहने वाले क्या जानें आदि।