
पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘नमो भारत’ को दिखाई हरी झंडी
गाजियाबाद। भारत की पहली RAPID रेल (नमो भारत) का आगाज़ हो गया है आज रैपिड रेल के पहले चरण रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की सौगात मिल गई है।
पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाकर पहले चरण की शुरुआत की। वसुंधरा सेक्टर-8 में बने स्टेशन से ‘नमो भारत’ को हरी झंडी दिखाई गई। इसके तहत साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक ट्रेनें चलेंगी। हालांकि इस ट्रेन में आम नागरिक कल 21 अक्टूबर से सफर कर सकेंगे। इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों को ‘नमो भारत’ नाम दिया गया है। आपको बता दें कि इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 30,000 करोड़ रुपये है।
रैपिड रेल के पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक 5 स्टेशन-
साहिबाबाद
गाजियाबाद
गुलधर
दुहाई
दुहाई डिपो
2 स्टेशनों के बीच न्यूनतम किराया 20 रुपये रखा गया है, जबकि प्रीमियम क्लास में 2 स्टेशनों के बीच किराया 40 रुपये होगा। साहिबाबाद से दुहाई डिपो का साधारण किराया 50 रुपये और मानक किराया 100 रुपये रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के बाकी चरणों पर भी तेजी से काम चल रहा है।
आरआरटीएस ट्रेनें (RRTS Trains) 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। हालांकि, ट्रायल के दौरान इन्हें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया गया। यह ट्रेन एक घंटे में 100 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है। प्रत्येक ट्रेन में 6 कोच होंगे, जिनमें रिक्लाइनिंग सीटें, सामान रैक, वाई-फाई, डिजिटल स्क्रीन, स्वचालित गेट और हर सीट पर मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट जैसी सुविधाएं होंगी।
फिलहाल यह ट्रेन हर 15 मिनट पर उपलब्ध होगी. हालांकि, प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इसे हर 5 मिनट में चलाया जाएगा। इससे दिल्ली से मेरठ तक का सफर एक घंटे से भी कम समय में तय किया जा सकेगा QR कोड के जरिए आप ट्रेन टिकट बुक कर सकेंगे। इसके अलावा रैपिडएक्स कनेक्ट ऐप के जरिए भी घर बैठे टिकट बुक किया जा सकता है। इस ट्रेन में दिल्ली मेट्रो का कार्ड काम नहीं करेगा।
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प्रत्येक रैपिड रेल में प्रीमियम श्रेणी सहित कुल 6 कोच
एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा। बाकी कोचों में भी महिलाओं, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीटें आरक्षित रहेंगी। प्रत्येक मानक कोच में 72 सीटें और प्रत्येक प्रीमियम कोच में 62 सीटें होंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक ट्रेन में करीब 1700 यात्री सफर कर सकते हैं। हर ट्रेन के आखिरी कोच में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए जगह होगी।
आरआरटीएस कॉरिडोर (RRTS corridor) का निर्माण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) द्वारा ‘रैपिडएक्स’ नामक सेमी-हाई-स्पीड क्षेत्रीय रेल सेवा के लिए किया जा रहा है। एनसीआरटीसी केंद्र सरकार (NCRTC ) और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार का एक संयुक्त उद्यम है।
एनसीआरटीसी को दिल्ली और मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस के निर्माण की देखरेख का काम सौंपा गया है। संपूर्ण 82.15 किलोमीटर लंबी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस को जून 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है।






