भारत-ओमान संयुक्त सैन्य अभ्यास अल नजाह का 5वां संस्करण 26 सितंबर 2024 को संपन्न हुआ। ओमान के रबकूट प्रशिक्षण क्षेत्र में आयोजित समापन समारोह में ओमान में भारतीय राजदूत अमित नारंग और ओमान में भारतीय रक्षा अताशे कैप्टन हरीश श्रीनिवासन उपस्थित थे।
जयपुर (Shah Times) रेगिस्तान में आतंकी छिपे हैं और उन्होंने कुछ लोगों को बंधक बनाया हुआ है। खबर मिलते ही भारतीय सेना और ओमान की सेना मिलकर चलाती हैं ऑपरेशन अल नजाह V । तस्वीरें देख कर कुछ ऐसा ही लग रहा है। पर यह एक संयुक्त सैन्य अभियान है जो भारतीय सेना और ओमान की सेना ओमान के रबकूट प्रशिक्षण क्षेत्र में संयुक्त सैन्य अभियान चला रही थी जो संपन्न हुआ है।
यह था मुख्य लक्ष्य
भारत-ओमान संयुक्त सैन्य अभ्यास अल नजाह का 5वां संस्करण 26 सितंबर 2024 को संपन्न हुआ। ओमान के रबकूट प्रशिक्षण क्षेत्र में आयोजित समापन समारोह में ओमान में भारतीय राजदूत अमित नारंग और ओमान में भारतीय रक्षा अताशे कैप्टन हरीश श्रीनिवासन उपस्थित थे। ओमान की ओर से, ओमान की रॉयल आर्मी की 11वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्दुलकादिम बिन इब्राहिम अल-अजमी और फ्रंटियर फोर्स के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल मसूद मुबारक अल-गफरी ने समापन समारोह में भाग लिया।
लाइव फायर का किया प्रदर्शन
समापन समारोह से पहले भारतीय सेना और ओमान की रॉयल आर्मी की टुकड़ियों द्वारा एक भव्य संयुक्त लाइव-फायर प्रदर्शन किया गया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के शासनादेश के तहत शांति अभियानों में उत्पन्न होने वाली विभिन्न स्थितियों से निपटने के लिए दोनों सेनाओं के बीच संयुक्तता और अंतर-संचालन क्षमता को दिखाया गया। इस प्रदर्शन में दोनों पक्षों के करीब 60 सैनिकों ने हिस्सा लिया, जो दो सप्ताह तक चले द्विपक्षीय अभ्यास का एक शानदार समापन था।
यह होगा इसका फायदा
इस प्रदर्शन में भारतीय और ओमानी बख्तरबंद व्यक्तिगत वाहक आधारित सैनिकों की संयुक्त सेना द्वारा रेगिस्तानी इलाके में एक गांव को अलग-थलग करने और उसे खाली करने का अनुकरण भी शामिल था, जिसके बाद घरों को खाली करने का अभ्यास और बंधकों को छुड़ाने का अभ्यास किया गया। प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों के स्नाइपर्स ने अपने निशानेबाज़ी कौशल का प्रदर्शन किया और अपने लक्ष्यों पर सटीक निशाना लगाया।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ड्रोन जैसे अत्याधुनिक भारतीय उपकरणों का उपयोग था, जो वास्तविक समय की निगरानी और बैलिस्टिक शील्ड प्रदान करते थे, जिनका उपयोग कमरे में हस्तक्षेप और बंधकों की सुरक्षा के लिए किया जाता था। इस अभ्यास का समापन एक शानदार ध्वज समारोह, उपकरण प्रदर्शन और दोनों टुकड़ियों द्वारा एक दूसरे का अभिवादन करने के साथ हुआ। संयुक्त अभ्यास का सफल समापन विश्व शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस अभ्यास ने न केवल टुकड़ियों के संयुक्त सामरिक कौशल में सुधार किया, बल्कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को भी गहरा किया।