Report by – Anuradha Singh
आत्मनिर्भर भारत (Self-reliant India)के दृष्टिकोण की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रगति में, भारतीय वायु सेना (Indian Air Force)(आईएएफ) ने हेवी ड्रॉप सिस्टम (heavy drop system)का सफल परीक्षण करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। यह प्रभावशाली उपलब्धि भारतीय वायुसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(Indian Air Force and Defense Research and Development Organization) (डीआरडीओ) के एक महत्वपूर्ण घटक, प्रतिष्ठित हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान(Prestigious Air Delivery Research & Development Establishment (एडीआरडीई) के बीच घनिष्ठ सहयोग का परिणाम है।
IAF और DRDO के बीच साझेदारी रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता के लिए भारत(India) की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हेवी ड्रॉप सिस्टम (heavy drop system), अपने मूल में, भारतीय वायुसेना को वाहनों और उपकरणों सहित महत्वपूर्ण कार्गो को दूरस्थ और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर सटीकता और दक्षता के साथ एयरड्रॉप करने का अधिकार देता है।
यह उपलब्धि रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर बल देते हुए आत्मनिर्भर भारत (Self-reliant India)के व्यापक लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाती है। इस प्रणाली को अपने देश में विकसित और सफलतापूर्वक परीक्षण करके, भारत विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और प्रौद्योगिकी (india overseas suppliers and technology)पर अपनी निर्भरता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाता है।
डीआरडीओ (DRDO)के तहत एक प्रमुख अनुसंधान सुविधा, एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (Aerial Delivery Research and Development Establishment)(एडीआरडीई) ने हेवी ड्रॉप सिस्टम (heavy drop system)की अवधारणा, डिजाइन और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एयरड्रॉप तकनीक (airdrop technology)में उनकी विशेषज्ञता, भारतीय वायुसेना(Indian Air Force) की परिचालन अंतर्दृष्टि के साथ मिलकर, एक अत्याधुनिक प्रणाली के निर्माण में परिणत हुई जो सशस्त्र बलों की कठोर आवश्यकताओं को पूरा करती है।
डीआरडीओ (DRDO)के अटूट समर्थन और नवाचार के प्रति समर्पण ने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस प्रणाली के सफल परीक्षण डीआरडीओ (DRDO)की यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं कि भारतीय सशस्त्र बल अत्याधुनिक तकनीक (Indian Armed Forces State-of-the-Art Technology)से लैस हैं, जिससे उनकी परिचालन तत्परता को बढ़ावा मिलता है।
डीआरडीओ (DRDO)के साथ साझेदारी में हैवी ड्रॉप सिस्टम का भारतीय वायुसेना (Indian Air Force)का सफल परीक्षण आत्मनिर्भरता और तकनीकी कौशल की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है। यह सहयोग सशस्त्र बलों और अनुसंधान संगठनों का एक सामान्य लक्ष्य – राष्ट्र के हितों की सुरक्षा – के लिए एकजुट होने का एक प्रमुख उदाहरण है।
जैसे-जैसे भारत आत्मनिर्भरता (India self reliance)और तकनीकी उत्कृष्टता की राह पर आगे बढ़ रहा है, इस तरह की साझेदारियां देश की रक्षा क्षमताओं के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। नवाचार और आत्मनिर्भरता के प्रति नई प्रतिबद्धता के साथ, भारत #आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में आने वाली किसी भी चुनौती से पार पाने के लिए तैयार है।
शाह टाइम्स की ताज़ा खबरों और ई – पेपर के लिए लॉगिन करें