ग्लोबई की 15-सदस्यीय समिति का स्थाई सदस्य बना भारत, जानिये क्या होते हैं नियम

सीबीआई ने गुरुवार, 26 सितंबर को यह जानकारी दी। संचालन समिति के सदस्य के रूप में भारत भ्रष्टाचार और संपत्ति वसूली के खिलाफ वैश्विक एजेंडे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नई दिल्ली (Shah Times) पिछले कुछ सालों में कहीं ना कहीं भारत ने विदेश नीति को मजबूत किया है। इस बार भी विदेशी जमीन पर भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चीन की राजधानी बीजिंग में बहुस्तरीय मतदान के बाद भारत को ग्लोबल एंटी-करप्शन कम्युनिटी की 15 सदस्यीय समिति में शामिल कर लिया गया है।

सीबीआई ने दी जानकारी

सीबीआई ने गुरुवार, 26 सितंबर को यह जानकारी दी। संचालन समिति के सदस्य के रूप में भारत भ्रष्टाचार और संपत्ति वसूली के खिलाफ वैश्विक एजेंडे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भ्रष्टाचार से निपटने में भारत की विशेषज्ञता और अनुभव ग्लोबे नेटवर्क के लिए मूल्यवान संपत्ति होगी। ग्लोबे नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें भारत की भागीदारी सीमा पार वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार से निपटने के उसके प्रयासों को मजबूत करेगी।

ग्लोबे नेटवर्क में अब 121 देश हैं शामिल

ग्लोबे नेटवर्क में अब 121 देश और 219 सदस्य प्राधिकरण हैं। गृह मंत्रालय (एमएचए) ग्लोबे नेटवर्क के लिए एक केंद्रीय प्राधिकरण है। भारत से सीबीआई और ईडी इस नेटवर्क के सदस्य प्राधिकरण हैं।

यह होती है प्रतिक्रिया

भ्रष्टाचार निरोधक कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों का वैश्विक परिचालन नेटवर्क एक जी20 पहल थी। भारत ने 2020 में इस पहल का समर्थन किया था। 3 जून 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के भ्रष्टाचार से निपटने के विशेष सत्र में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान GloBE नेटवर्क को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया था। GloBE नेटवर्क एक अद्वितीय मंच के रूप में उभर रहा है, जहां दुनिया भर की एजेंसियाँ सर्वोत्तम प्रथाओं और आपराधिक खुफिया जानकारी को साझा करती हैं, सहयोग करती हैं।

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