नई दिल्ली, (शाह टाइम्स)। केंद्र सरकार ने देर से ऑफिस आने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का नोटिस जारी कर दिया है। दफ्तर देर से आना और घर जल्दी चले जाना, अब ये ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा। केंद्र सरकार ने ऐसे कर्मचारियों के लिए सख्त चेतावनी जारी कर दी है। दरअसल देर से आने वालों पर नकेल कसते हुए केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अधिकतम 15 मिनट की देरी को माफ करने का फैसला लिया है। उन्होंने साफ कह दिया है कि आदतन देर से आने और जल्दी चले जाने वाले सरकारी बाबुओं को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
देर से दफ्तर आए तो लग जाएगा हाफ डे
कहा कि सरकारी बाबुओं को ज्यादा से ज्यादा दफ्तर में 15 मिनट लेट आने की ही परमिशन होगी। देश के सभी केंद्रीय कर्मचारियों को दफ्तर में 9.15 तक पहुंचना ही होगा। दफ्तर सिर्फ समय पर पहुंचना ही नहीं है बल्कि वहां अपनी उपस्थिति/ हाजिरी दर्ज भी करवाना जरूरी है। यानी कि कर्मचारियों को बायोमेट्रिक सिस्टम में पंच करना जरूरी होगा। चाहे सीनियर हों या जूनियर, सभी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाना जरूरी होगा। कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे सुबह 9.15 बजे तक कार्यालय नहीं आते हैं तो उनका आधा दिन का आकस्मिक अवकाश काट लिया जाएगा। केंद्र सरकार के सरकुलर में कहा गया है कि ‘किसी भी कारण से, अगर कर्मचारी किसी विशेष दिन कार्यालय में उपस्थित नहीं हो पाता है, तो उसे पहले से सूचित किया जाना चाहिए और आकस्मिक अवकाश के लिए आवेदन किया जाना चाहिए।’
अधिकारी करेंगे उपस्थिति और समय की पाबंदी की निगरानी
यह भी कहा गया है कि अधिकारी अपने अनुभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति और समय की पाबंदी की निगरानी करेंगे। केंद्र सरकार के कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुले रहते हैं, लेकिन जूनियर स्तर के कर्मचारियों का देर से आना और जल्दी चले जाना सामान्य बात है। जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में लगे कर्मचारी भी शामिल हैं, जिससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता हैं।
काम के कोई निश्चित घंटे नहीं, हम काम घर भी ले जाते हैं!
वरिष्ठ अधिकारियों की शिकायत है कि उनके पास कोई निश्चित कार्यालय समय नहीं है क्योंकि वे आमतौर पर शाम 7 बजे के बाद निकलते हैं। इसके अलावा उनकी शिकायत है कि कोविड के बाद इलेक्ट्रॉनिक फाइलों तक पहुंच के साथ वे अक्सर छुट्टियों या सप्ताहांत में घर से ही काम करते हैं। 2014 में कार्यालय आने के तुरंत बाद मोदी सरकार ने कार्यालय के समय को लागू करने की मांग की थी। जिसका कर्मचारियों ने विरोध किया था, जिनमें से कई ने तर्क दिया था कि वे लंबी दूरी तय करते हैं यानी कि उनके ऑफिस आने का कोई भी फिक्स समय नहीं है, वह आमतौर पर शाम को 7 बजे के बाद चले जाते हैं।
कर्मचारियों के लिए ये हैं सख्त नियम
1.कर्मचारियों को 9.15 तक दफ्तर में पहुंचना ही होगा, नहीं तो लगेगा हाफ डे।
2.कर्मचारियों को आधार सक्षम बायोमेट्रिक सिस्टम से अटेंडेंस लगाना जरूरी है, जिसको कोरोना महामारी की वजह से सस्पेंड कर दिया गया था।
3.कर्मचारी अगर ऑफिस नहीं आ पा रहे हैं तो उनको इसकी सूचना पहले से ही देनी होगी।
4.अनुभागों के अधिकारियों को कर्मचारियों की अटेंडेंस और समय की पाबंदी की निगरानी रखनी होगी।