हाइब्रिड गाड़ियों की डिमांड आज कल ज्यादा हो रही है। पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर वाली इन गाड़ियों को भारत के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन माना जा रहा है।
New Delhi ,( Shah Times)। पेट्रोल की लगातार बढ़ रही कीमतों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हाइब्रिड गाड़ियों की डिमांड आज कल ज्यादा हो रही है। पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर वाली इन गाड़ियों को भारत के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन माना जा रहा है।
देश में तीन कंपनियां है जो स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार बेच रही हैं। और आम जनता धीरे-धीरे इन गाड़ियों को काफी पसंद करने लगी है।
आज का हाईटेक जमाना इलेक्ट्रिक कार का माना जा रहा है। पेट्रोल की बचत और पर्यावरण बचाव के लिए गाड़ियां स्टेटस सिंबल बनती जा रही हैं।लेकिन इसी बीच कार मार्केट में तेजी से अपनी जगह बना रही है हाइब्रिड कार, वो कार जो आपको पेट्रोल और बैटरी दोनों का ऑप्शन देती है। हाल में आई कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि देश से लेकर विदेश तक हाइब्रिड कार लोगों की पसंद बनाती जा रही है इस गाड़ी में भी पेट्रोल की बचत और पर्यावरण का नुकसान ना होना जैसे फीचर्स हैं और इसके साथ ही इसमें चार्जिंग का झंझट भी नहीं है।
हाइब्रिड एक ऐसी कार है जिसमें पेट्रोल और इलेक्ट्रिक पावर का कॉम्बिनेशन होता है और इस वजह से इस कार में अच्छी माइलेज मिलती है। ये गाड़ी फ्यूल बचाती है और साथ ही ये एनवायरनमेंट फ्रेंडली भी है। यह कार खरीदते वक्त थोड़ी महंगी जरूर लग सकती है लेकिन इसके फायदों के आगे ये एक नुकसान ज्यादा दिनों तक नुकसान जैसा नहीं लगेगा।
आपको बता दे की इस कार में इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों मौजूद होते हैं। यानी ये वो गाड़ियां होती हैं जो एक से ज्यादा फ्यूल ऑप्शन के साथ चलती हैं। इनमें पेट्रोल इंजन के साथ जो इलेक्ट्रिक बैटरी होती है वो ऑटोमेटिक चार्ज होती है। गाड़ी जब स्लो स्पीड पर होती है तो वह बैटरी से चलती है और जैसे ही स्पीड पकड़ती है ऑटोमेटिक पेट्रोल पर शिफ्ट हो जाती है।
इलेक्ट्रिक कार को लेकर लोगों के मन में चार्जिंग को लेकर टेंशन रहती हैं। जबकि हाइब्रिड कार में इस समस्या से आपको छुटकारा मिल जाता है। इसमें आपको बैटरी चार्ज करने के लिए उसे किसी इलेक्ट्रिक चार्जर में नहीं लगाना पड़ता। पेट्रोल इंजन पर चलते वक्त बैटरी ऑटोमेटिकली चार्ज हो जाती है।
ऑटो एक्सपर्ट विक्रम गौड़ का कहना है कि भारत के लिए हाइब्रिड कार सबसे बेस्ट है। इसमें इलेक्ट्रिक गाड़ी की तरह चार्जिंग की चिंता नहीं है और ना ही ये महंगे पेट्रोल की ज्यादा खपत करती है। आपको बता दें कि भारतीय बाजार में मारुति, होंडा और टोयोटा की हाइब्रिड गाड़ियां मौजूद हैं। हाइब्रिड गाड़ियों में जो माइल्ड हाइब्रिड होती है उसमें बैटरी छोटी होती है और वो सिर्फ बैटरी पर नहीं चल पाती, इसलिए हाइब्रिड कार लेते वक्त स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार ही लेनी चाहिए।
हाइब्रिड कार खरीदते समय आपको थोड़ा ज्यादा खर्च तो अवश्य करना पड़ेगा लेकिन आगे जाकर ये कार आपको माइलेज में इतना फायदा देगी कि आपको गाड़ी पैसा वसूल लगने लगेगी।
कभी कभी ऐसा होता है की आप ट्रैफिक में फंसे हों तो आपको पेट्रोल खत्म होने की चिंता हाइब्रिड कार में नहीं करनी होगी, क्योंकि उस वक्त गाड़ी बैटरी का इस्तेमाल करती है और पेट्रोल की अच्छी बचत हो जाती है। यानी इस गाड़ी के साथ पेट्रोल की कीमत आपकी जेब को ज्यादा ढीली नहीं कर पाएगी।
मार्केट में दो तरह की हाइब्रिड कार मौजूद हैं। एक तो हाइब्रिड और एक प्लग इन हाइब्रिड। बात अगर हाइब्रिड कर की करें तो इसमें भी दो वैरिएंट हैं, एक नॉर्मल हाइब्रिड और एक स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड। दोनों में अंतर बस इतना है कि नॉर्मल हाइब्रिड में बैटरी की क्षमता थोड़ी कम होती है और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड में बैटरी ज्यादा पावर वाली होती है।