बारिश आते ही छतों से पानी लीक होना, दीवारों में नमी आना, पेंट का उखड़ना, दरवाजे-खिड़कियों का फूलना, फर्नीचर में सील आने वगैरह की समस्या शुरु हो जाती है।
~Neelam Saini
(शाह टाइम्स)। इस समय भारत ही नही बल्कि पूरे देश में कई दिन पहले मानसून दस्तक दे चुका है। जिसके चलते देश के लगभग हर राज्य में इस समय बारिश हो रही है। वैसे तो इस मौसम का लोगों को बेसब्री से इंतजार होता है। लेकिन हर किसी के लिए ये मौसम खुशनुमा नहीं होता।
यह मौसम सुहावना होने के साथ साथ अपने साथ कई परेशानियों को भी फ्री लेकर आता है। जो हमारे घर के लिए आफत बन जाती हैं। बारिश आते ही छतों से पानी लीक होना, दीवारों में नमी आना, पेंट का उखड़ना, दरवाजे-खिड़कियों का फूलना, फर्नीचर में सील आने वगैरह की समस्या शुरु हो जाती है।
फिर इन समस्याओं से निपटने के लिए न जाने क्या क्या जतन करने पड़ते हैं। कहीं लीक होते पानी के नीचे बरतन या बाल्टी रखनी पड़ती है। तो कभी उस जगह की मरम्मत करवानी पड़ती है। तब कहीं जाकर थोड़ी राहत मिलती है, वो भी कुछ दिनों के लिए। ज्यादा बारिश होने से फिर ये समस्या सिरदर्द बन जाती है। तो चलिए आज हम आपको एक ऐसा उपाय बताने वाले हैं जो मानसून में आपके घर को रेन-प्रूफ रखेंगे।
बारिश के मौसम में होने वाली समस्याएं
जब बारिश का मौसम अपने साथ कई समस्याएं लेकर ही आती है। पहली बारिश बीमारी साथ लाती है। वहीं ज्यादा बारिश हो जाए तो आंधी-तूफान आ जाता है। ऐसे में घर में भी कई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं, जैसे कहीं पानी रिसना तो कहीं लीकेज की समस्या। बारिश का मौसम आते ही बारिश की बूंदों की टप-टप की आवाज सुनाई देने लगती है। अगर ये बाहर हो रही बारिश की आवाज हो तो कानों को मधुर लगती है। लेकिन अगर ये घर के अंदर दीवारों से लीक होते पानी की आवाज हो तो चुभने लगती है। मानसून में दीवारों से बारिश का पानी रिसने लगता है। ऐसी स्थिति में आपको ये उपाय करना चाहिए।
दीवारों को नमी से बचाए
दीवार की दरारों को सीलेंट या वाटरप्रूफ कंपाउंड से भर दें।
अगर कोई दीवार टूटी है तो उसकी मरम्मत करवा लें।
छत की लीकिंग को रोकने के लिए वाटरप्रूफिंग करवाएं।
घर की दीवार या छत के कोनों में उगे हुए पौधों को उखाड़ दें और उस जगह को सीमेंट से भर दें।
छत पर वाटरफ्रूफ कोटिंग करवाएं।
बड़ी खिड़कियों और बालकनी को तिरपाल से कवर करें।
लकड़ी के सामान की देखभाल कैसे करें
बरसात के मौसम में लकड़ी के फर्नीचर की देखभाल करना उतना ही जरूरी है, जितना कि अपने घर की साफ-सफाई बनाए रखना। बारिश में लकड़ी से बने कीमती सामानों को भी सुरक्षित रखना मुश्किल होता है।
लकड़ी हाइग्रोस्कोपिक होती है, जिसका मतलब है कि यह हवा से नमी सोख लेती है। जब लकड़ी नमी सोख लेती है तो वह फूल जाती है।
इससे फर्नीचर टेढ़ा हो सकता है, टूट सकता है या उसके जोड़ ढीले हो सकते हैं।
नमी के कारण लकड़ी के फर्नीचर की फिनिश छिल सकती है, फट सकती है या फीकी पड़ सकती है। कई बार तो लकड़ी सड़ने भी लगती है।
नम लकड़ी पर फफूंद भी आ सकती है, जिससे दाग, बदबू और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, नमी से दीमक और चींटियां होने लगती हैं, जो लकड़ी को नुकसान पहुंचा सकती हैं।