पहले दावेदारी में नाकाम कमला हैरिस कैसे बनीं डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में किसी प्रमुख पार्टी का नेतृत्व करने वाली पहली अश्वेत महिला बनी 

वाशिंगटन,(Shah Times)।अमेरिका की उपराष्ट्रपति एवं अप्रवासी दंपती की बेटी कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का नामांकन आधिकारिक तौर पर हासिल कर लिया है और इसके साथ ही वह देश के राष्ट्रपति चुनाव में किसी प्रमुख पार्टी का नेतृत्व करने वाली पहली अश्वेत महिला बन गई हैं।

पहले अपनी दावेदारी हासिल में नाकाम रहीं कमला हैरिस ने अब डेमोक्रेटिक नामांकन हासिल कर लिया है। यह जून में राष्ट्रपति जो बाइडेन और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीविजन बहस में  बाइडेन के खराब प्रदर्शन के बाद हुआ, जिससे पार्टी के भीतर आंतरिक संघर्ष छिड़ गया।

 डेमोक्रेट्स के बीच उनकी पार्टी के भविष्य और श्री बाइडेन के पुनर्निर्वाचन की संभावनाओं को लेकर गहन चर्चा और अशांति के बाद  बाइडेन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से पीछे हटने तथा  हैरिस के नामांकन पर सहमति बनी।

कमला हैरिस का जन्म 20 अक्टूबर 1964 को ओकलैंड, कैलिफोर्निया में हुआ था। उनकी मां, श्यामला गोपालन, भारत की एक स्तन कैंसर वैज्ञानिक थीं, और जमैका मूल के उनके पिता डोनाल्ड हैरिस, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे।

 उन्होंने वर्ष 2010 में कैलिफ़ोर्निया के अटॉर्नी जनरल और बाद में 2016 में अमेरिकी सीनेटर बनने से पहले बे एरिया में अभियोजक के रूप में काम किया।सीनेट में अपने कार्यकाल के दौरान वह श्री ट्रम्प की मुखर आलोचक के रूप में उभरीं।

सुश्री हैरिस शुरू में बड़ी उम्मीदों के साथ 2020 में राष्ट्रपति पद की दौड़ में आगे आयी थीं लेकिन उन्हें अभियान संगठन और संदेश निरंतरता संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें आयोवा कॉकस से पहले हटना पड़ा।

 बाइडेन के साथ उनके घनिष्ठ संबंध और अभियोजक के रूप में उनके अनुभव को देखते हुए, वह उपराष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए शीर्ष दावेदार बनी रहीं। नामांकन सुरक्षित करने के बाद, बाइडन ने  हैरिस को अपने साथी के रूप में चुना।

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